इस विपत्ति के दौर में खुद को सकारात्मक रखे: आस्था, निकिता अग्रवाल
इस विपत्ति के दौर में खुद को सकारात्मक रखे: आस्था, निकिता अग्रवाल
खरसिया नगर के सामाजिक धार्मिक कार्यो में अग्रणी रहने वाली निकिता विनय अग्रवाल व आस्था अग्रवाल ने कहा कोरोना वायरस के कारण आज पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है। सभी लोग अपने-अपने घरों में बंद हैं दिन-रात सिर्फ कोरोना की खबरें देखकर मन-मस्तिष्क में एक डर व्याप्त हो गया है। जैसे किसी सामान्य सर्दी-जुकाम से ग्रसित व्यक्ति को यदि आप कह दे कि वह कोरोना पॉजिटिव है। तो वह कुछ ही घंटों में उस में कोरोना के सारे लक्षण अपने आप ही उत्पन्न होना शुरू हो जाएंगे। जैसे सांस लेने में तकलीफ होना बुखार आना इत्यादि। क्योंकि हमारा दिमाग बहुत शक्तिशाली होता है वह हमारे विचारों के आधार पर ही काम करता है इसलिए सभी से मेरा निवेदन है कि पहले सबसे पहले अपने मन से डर को निकाल ले क्योंकि डर एक सामान्य बीमारी है जो किसी को भी जानलेवा बीमारी में बदल देगा।
हम दिन-रात सिर्फ कोरोना-कोरोना के बारे में सुनते हैं और यह हमारे मन में कहीं-न-कहीं एक नकारात्मकता को पैदा कर रही है। लेकिन इस वायरस से हमें डरना या इसके संबध में जो जानकारी मिल रही है, उससे हमारे मन में नकारात्मकता को व्याप्त नहीं होने देना चाहिए। ऐसे समय में खुद को सकारात्मक रखना बहुत जरूरी है। यह बात जरूर सोचिए कि हर एक बुरी परिस्थिति कुछ अच्छा लेकर जरूर आती है। कोरोना एक बुरा दौर है, लेकिन इस समय को अगर हम सकारात्मक पक्ष से सोचें तो क्या कभी आपने ऐसा सोचा था कि आप इतना समय अपने परिवार को दे पाएंगे। उस दिनचर्या में जब आप सिर्फ भाग रहे थे न अपनों के लिए समय, न खुद के लिए। लेकिन आज आप अपनों के साथ एक बहुत अच्छा समय बिता रहे हैं, खुद की देखभाल कर रहे हैं, अपनों की देखभाल कर रहे हैं, तो बस इस दौर से परेशान होकर खुद को नकारात्मकता की ओर न ले जाएं। बस, इस बात का ध्यान रखें कि बुरा समय भी अपने साथ कुछ अच्छा ही लेकर आता है।