अधूरी जानकारी के कारण पर्यावरण मंत्रालय ने बैरंग लौटाया

अदानी का महाजेंको गारे पेलमा सेक्टर 02 प्रस्ताव आया वापस
अधूरी जानकारी के कारण पर्यावरण मंत्रालय ने बैरंग लौटाया
जिले के तमनार स्थित गारे पेलमा सेक्टर 2 कोल ब्लॉक की पर्यावरणीय स्वीकृति के लिये भेजे गये प्रस्ताव को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने वापस बैरंग लौटा दिया है। दो बार स्थगित हो चूकी जन सुनवाई को विगत
27 सितम्बर 2019 को ग्रामीणों के विरोध और बायकाट के बावजूद प्रशासन ने संपन्न करा लिया था।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जन सुनवाई के बाद फाइनल इ.आई.ए.रिपोर्ट (पर्यावरण अध्ययन रिपोर्ट) के साथ पर्यावरण मंत्रालय में आवेदन करना पड़ता है। महाजेंको ने 22 नवंबर 2019 को मंत्रालय में आवेदन प्रस्तुत किया। 5 दिसंबर 2019 को मंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी की मीटिंग में प्रस्ताव पर विचार किया गया। कमेटी ने कहा है कि बेस लाइन डाटा समाप्त होने की हड़बड़ी में आधी अधूरी और गलत जानकारी मंत्रालय को दी गई है।
यहां यह बताना लाजिमी है कि इ.आई.ए.रिपोर्ट बनाने के लिये हवा पानी इत्यादि की गुणवत्ता का जो अध्ययन किया जाता है।
उसे बेस लाइन डाटा कहा जाता है और मंत्रालय के आदेश के अनुसार यह तीन वर्ष से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिये। अगर तीन वर्ष पूरे हो जाते हैं तो नये सिरे से इ.आई.ए.रिपोर्ट व जन सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करनी होती है। महाजेनको की इ.आई.ए.रिपोर्ट अक्टूबर से दिसंबर 2016 के बीच बनी थी। इस दिसंबर 2019 के बाद इ.आई.ए.रिपोर्ट अमान्य हो जाती। बस इसी हड़बड़ी में कंपनी द्वारा आनन-फानन में जो फाइनल इ.आई.ए.रिपोर्ट मंत्रालय में पेश की गई वह न केवल अधूरी रह गई बल्कि गलत जानकारी भी दे दी गई। मंत्रालय ने महाजेनको का प्रस्ताव वापस करने का निर्णय लेते हुये दुबारा एक महीने का पर्यावरण अध्ययन कर नये सिरे से इ.आई.ए.रिपोर्ट प्रस्तुत करने के साथ साथ कई और बिन्दुओं पर गहन जानकारी मांगी है। पर्यावरण मंत्रालय के इस निर्णय से एक तरफ जहां तमनार क्षेत्र में महाजेंको की जनसुनवाई का विरोध करने वाले ग्रामीणों में खुशी की लहर है तो दूसरी ओर अदानी कंपनी के लिए इसे एक बड़ा झटका माना जा रहा है।