बारूद के ढेर पर बैठा खरसिया, अवैध पटाखे का कारोबार धड़ल्ले से जारी
बारूद के ढेर पर बैठा खरसिया, अवैध पटाखे का कारोबार धड़ल्ले से जारी
दीपावाली का त्योहार आने ही वाला है. इसे लेकर पटाखा कारोबार भी अपने शबाब पर है. लेकिन नियम-कानूनों को ताक पर रखकर खरसिया में पटाखे लाए जा रहे हैं. अभी तुरंत ही दशहरा बीता है और इसे लेकर भी भारी मात्रा में पटाखे लाए गए थे.
विभाग मौन अवैध पटाखा दुकानों पर कार्यवाही करेंगा कौन?
स्टेशन रोड पर कई रिहायशी इलाके हैं, जहां अवैध पटाखों का अवैध कारोबार किया जा रहा है. अनुविभागीय अधिकारी गिरीश रामटेके ने नगर पालिका सीएमओ को छापेमार कार्यवाही करने कहा गया ।
2017मे भी छापा मारा गया. यहां से 12 कार्टन पटाखे खरसिया चौकी प्रभारी द्वारा जब्त किए गया था .जब्त पटाखों की कीमत 83 हजार 160 रुपए था.
रिहाईसी इलाके पर अवैध कारोबार को खुली छुट…
बता दें कि जिस तरह से नियम-कायदों को ताक पर इस वर्ष भी किया जा रहा है, उससे खरसिया बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है. व्यापारियों ने भारी मात्रा में अवैध फटाखे मंगाकर अपने घरों और दुकानों में अवैधानिक रूप से जमा किए हैं. यहां के अधिकतर फटाखा कारोबारियों के पास फटाखों को रखने के लिए न तो सुरक्षित जगह पर गोदाम हैं और न तो आग लगने की स्थिति में इससे बचने के उपाय. आग बुझाने की पर्याप्त व्यवस्था भी यहां नहीं है.
फटाखों की इतनी खेप खरसिया में है कि अगर किसी तरह की दुर्घटना होता है, तो नगर की बड़ी आबादी जलकर खाक हो जाएगा. स्टेशन रोड इलाके जहां से रोजाना हजारों लोगों का पड़ोसी जिला से मुम्बई हावड़ा मुख्य मार्ग देश के विभिन्न शहर गांव तक के सफ़र के लिए रेल्वे स्टेशन आना-जाना होता है, यहां फटाखों का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है.
(शाम ढलते हीं दुकान के पीछे गली से फटाका का खेप खपाया जा रहा हैं)
अवैध विक्रय पूरी उफान पर हैं । किसी ग्राहक बिल मांग करने पर बेहुदगी करने पर आमदा रहते हैं कुछ व्यापारी जी एस टी टेक्स का भी कर हैं चोरी… मौन दर्शक बने है सभी…
बलराम साहु बिजली विभागAE के टीम ने पाया-
फटाखा दुकान में विद्युत चलित बोर्ड लगा था जो फटाका के ऊपर में था आसपास के सभी दुकानों को विद्युत कर्मचारियों की टीम द्वारा निरीक्षण किया गया और पाया गया कि फटाका के ऊपर में विद्युत चलित बोर्ड लगा था मौके पर पहुंचकर विद्युत कर्मचारियों के द्वारा लाइन को काटकर विद्युत चलित बोर्ड को अलग किया गया है वर्तमान में किसी प्रकार की विद्युत सप्लाई नहीं है।
ऐसे में कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकता है. कई पटाखा कारोबारियों का गोदाम कागजों में तो रिहायशी एरिया से बाहर है, जबकि सच्चाई ये है कि रिहायशी इलाकों में भी कई पटाखा गोदाम धड़ल्ले से चल रहे हैं.
अवैध पटाखा कारोबार पर लगाम कसने के लिए कार्यवाही न होने से हौसले बुलंद हैं लोंगो में हो रहा है कानाफूसी कहीं बड़े हादसे होने पर जिम्मेदार कौन होगा.