
खरसिया। शुष्क हवाओं के बीच जब पूरा शहर अपनी दिनचर्या में व्यस्त था,सिविल अस्पताल खरसिया में एक अलग ही हल-चल देखी गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल कुमार जगत ने अस्पताल का निरीक्षण कर वहां की स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। डॉ. जगत का आगमन न केवल निरीक्षण का संदेश लेकर आया,बल्कि मरीजों के चेहरों पर संतोष और विश्वास की झलक भी बिखेर गया।
मरीजों की समस्याओं पर सीधी नजर
निरीक्षण के दौरान डॉ. जगत ने इमरजेंसी कक्ष में भर्ती मरीजों से बात की। उनके कोमल शब्दों में न केवल डॉक्टर की संवेदनशीलता झलक रही थी,बल्कि एक अभिभावक की तरह मरीजों की कुशलक्षेम पूछने का जज्बा भी था। एक मरीज ने बताया कि पहले इलाज में देरी और दवाइयों की कमी से काफी परेशानी होती थी, लेकिन कुछ वर्षों से अब स्थितियां सुधर रही हैं। डॉ. जगत की बातचीत से मरीजों के मन में एक नई आशा का संचार हुआ।
दवाइयों की कमी नहीं होना चाहिए
निरीक्षण के दौरान डॉ. जगत ने दवा स्टोर का भी निरीक्षण किया और कमियों को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने चीफ फार्मासिस्ट को निर्देश दिए कि स्टोर में आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मरीजों को बाहर से दवा खरीदने की मजबूरी नहीं होनी चाहिए,। उनकी इस सख्ती में मरीजों के प्रति गहरी संवेदनशीलता छिपी थी।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का वादा
निरीक्षण के उपरांत डॉ. जगत ने दृढ़ता से कहा कि सरकार मरीजों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया कि सेवाएं ऐसी हों कि कोई भी मरीज असुविधा का सामना न करे।
सेवा में समर्पण
इस अवसर पर अस्पताल प्रभारी डॉ. दिलेश्वर पटेल और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति ने यह दर्शाया कि टीम के प्रयास से ही सेवाओं में सुधार संभव है। बीपीएम भास्कर, डॉ. सुरेश राठिया और अन्य कर्मचारी भी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग दिखे।
मानवता का संकल्प
डॉ. जगत का यह निरीक्षण केवल एक औपचारिकता नहीं था,बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को मानवीय दृष्टिकोण से सुदृढ़ बनाने का एक प्रयास था। मरीजों के प्रति उनका संवेदनशील रवैया और सेवाओं में सुधार की प्रतिबद्धता ने न केवल अस्पताल कर्मचारियों में जोश भरा, बल्कि मरीजों के मन में भी भरोसे का दीप जलाया। खरसिया के नागरिकों को अब उम्मीद है कि स्वास्थ्य सेवाओं में यह सकारात्मक बदलाव इसी तरह जारी रहेगा।