कटक और बिलासपुर से NDRF की टीम मौके पर…टनल बनाने 60 फीट का खोदा जा रहा गड्डा, अभी लग सकते है कुछ और घंटे.. मुख्यमंत्री बघेल ले रहे पल-पल की जानकारी…


इसके साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से बच्चे को ऑक्सीजन दिया जा रहा है। साथ ही उसके लिए रस्सी के माध्यम से खाने पीने की सामग्री भी पहुंचाई जा रही है।

एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई है। जेसीबी से बोरवेल के बगल से मशीनों के माध्यम से खुदाई की जा रही है, लगभग 60 से 65 फीट खुदाई कर टनल बनाकर बोरवेल में फसे हुए बच्चे को बाहर निकालने का लगातार प्रयास में टीम जुटी हुई है।
इसके साथ ही बच्चे की गतिविधियों पर सीसीटीवी की मदद से नज़र रखा जा रहा है, साथ ही मौके पर डॉक्टरों की टीम भी पूरी तैयारी के साथ तैनात है।

बता दें कि जांजगीर चांपा जिले के ग्राम पिहरीद में 10 साल का बच्चा राहुल शुक्रवार की शाम बोरवेल में गिर गया था। बच्चा अपने घर के पीछे खेल रहा था, इसी दौरान फिसल कर गड्ढे में जा गिरा, जब परिजन बच्चे को ढूंढने निकले तो शाम 4 बजे बोरवेल के गड्ढे से बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी, तत्काल परिजनों ने 112 को इसकी सूचना दी गई, इसके बाद पुलिस और प्रशाशन के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच गई। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए निर्देश दिए हैं। प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है और प्रयास कर रही है कि जल्द ही राहुल को निकाल लिया जाए।

प्रशासन ने कहा है कि 65 फीट की खुदाई की जाएगी। इसके बाद टनल बनाने का काम शुरू किया जाए। अनुमान लगाया जा रहा है कि बच्चे को निकालने में अभी कम से कम से 6 से 7 घंटे का वक्त और लग सकता है। प्रशासन ने शुक्रवार शाम 5 बचे से ये रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। पिछले 17 घंटे से यह जारी है।

NDRF का कहना है कि पहले 65 फीट गड्ढा कर रहे हैं। इसके बाद टनल को बनाया जाएगा। उसे हाथ से खोदा जाएगा। एनडीआरएफ की स्पेशल टीम टनल बनाने का काम शुरू करेगी। पहले बताया गया था कि 4 घंटे में काम हो सकता है। मगर अब कहा जा रहा है कि 6 से 7 घंटे अभी और वक्त लगेगा। प्रशासन ने कुछ समय पहले रस्सी के सहारे बच्चे को निकालने का भी प्रयास किया था, लेकिन वह सफल नहीं रहे। प्रशासन ने कहा है कि समय इसलिए भी ज्यादा लगा रहा है कि गड्ढे में केसिंग पाइप नहीं डला है। इस वजह से हम गड्ढे को दूर से खोद रहे हैं। यदि पास से खोदेंगे तो वाइब्रेशन से मिट्टी धसक सकती है और बच्चे को खतरा हो सकता है।

जानकारी के अनुसार, बच्चे ने रात को 1 बजे के आस-पास मूवमेंट करना बंद कर दिया था। जिसने प्रशासन को चिंता में डाल दिया था। सुबह 5 बजे के आस-पास मूवमेंट होने लगा, जिसके बाद सभी ने थोड़ी राहत की सांस ली। लोगों ने बताया कि राहुल के पिता लाला साहू ने घर की बाड़ी में बोर खुदवाया था। वह बोर फेल हो गया था। इसके बाद बिना केसिंग डाले ही बोर को खुला छोड़ दिया गया। जिसमें राहुल खेलते-खेलते गिर गया। यह भी पता चला है कि लाला साहू ने घर की बाड़ी में दूसरा बोर भी खुदवाया था।

हादसे के बाद से ही राहुल की मां और उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हर कोई यह उम्मीद लगाए बैठा है कि जल्दी से राहुल को बाहर निकाल लिया जाए। पूरे गांव के लोग भी रात भर उसी जगह पर टिके रहे, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन दुकान है।

कटक और बिलासपुर से NDRF की टीम मौके पर है। कोरबा,रायगढ़ से भी मशीने देर रात पहुंच गई थीं। आसपास के एरिया में बैरिकेडिंग की है। रात को पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों और एम्बुलेंस की टीम को तैनात किया गया है। ऑक्सीजन सिलेंडर अतिरिक्त तौर पर रखा गया है। CCTV से कलेक्टर सहित अधिकारी नजर रखे हुए हैं। रात में बच्चे को खाने के लिए केला, फ्रूटी सहित अन्य खाद्य सामग्री भेजी गई थी।

पिहारिद गांव का राहुल साहू (10) पिता लाला साहू रोज की तरह शुक्रवार दोपहर में घर के पीछे अपनी ही बाड़ी में खेल रहा था। दोपहर 2 बजे के बाद से उसका कुछ पता नहीं चला। परिजन भी इस बात से बेखबर थे। पता चला है कि उन्हें इस बारे में तब पता चला, जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए। उस दौरान राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। बच्चा लगभग 50 फीट गहराई में फंसा है। मौके पर आस-पास के लोग मौजूद हैं।

ये भी बताया गया है कि बच्चा मानसिक रूप से कमजोर था। जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था।

इधर, खबर लगने के बाद से परिजन और आस-पास के लोग प्रार्थना कर रहे हैं कि राहुल को जल्द निकाल लिया जाए।




