
धान खरीदी की प्रगति, व्यवस्थाओं और किसानों की समस्याओं की हुई विस्तृत समीक्षा
खरसिया। जिले में धान उपार्जन प्रक्रिया को सुचारू बनाएं रखने के उद्देश्य से रायगढ़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने विकासखंड खरसिया के जैमुरा और चपले उपार्जन केंद्रों का मंगलवार को अचानक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खरीदी की वास्तविक स्थिति, किसानों की उपस्थिति और केंद्रों की तैयारी का व्यापक आकलन किया।
जैमुरा केंद्र में कुल 924 पंजीकृत किसानों में से अब तक 21 किसानों से 1086 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। इनमें 8 किसानों द्वारा 0.169 हेक्टेयर रकबा समर्पण किया गया है।
चपले केंद्र में 699 पंजीकृत किसानों में से 76 किसानों से 3351.20 क्विंटल धान की खरीदी दर्ज की गई। यहां 41 किसानों द्वारा 1.238 हेक्टेयर रकबा समर्पण किया गया है।
धान खरीदी सीजन के शुरुआती चरण में प्रशासनिक निगरानी को मजबूत करने के लिए कलेक्टर का यह क्षेत्रीय निरीक्षण किया गया। खरीदी के शुरुआती दिनों में कई बार बारदाना, परिवहन, स्टैकिंग और माप-तौल संबंधी चुनौतियाँ सामने आती हैं। इन्हीं को देखते हुए कलेक्टर ने दोनों केंद्रों की भौतिक स्थिति और प्रक्रिया की गति की प्रत्यक्ष समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने केंद्रों में मौजूद किसानों से बातचीत कर खरीदी की स्थिति और उनकी समस्याओं को सुना। किसानों ने खरीदी की गति, बारदाना उपलब्धता और सुगम प्रक्रिया की अपेक्षाएँ सामने रखीं।
कलेक्टर ने:
- केंद्र प्रबंधक, प्रभारी और संबंधित विभागों के अधिकारियों को उठी समस्याओं का तत्काल समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
- धान की स्टैकिंग व्यवस्था, बारदाना उपलब्धता और तौल प्रक्रिया की अलग-अलग जानकारी ली।
- आगामी दिनों में बढ़ने वाली खरीदी को देखते हुए प्रत्येक केंद्र की दैनिक खरीदी लिमिट के औचित्य और तैयारी पर विशेष चर्चा की।
औचक निरीक्षण से प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही मजबूत होती है। खरीदी के शुरुआती चरण में ही केंद्रों की वास्तविक चुनौतियों की पहचान होने से आगे की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलने की संभावना बढ़ती है। इससे किसानों को समय पर तौल, भुगतान और परिवहन उपलब्ध हो सकेगा—जो खरीदी सीजन की सफलता का मूल आधार है।
इस दौरान प्रवीण तिवारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व),राजस्व, खाद्य, कृषि और मंडी समिति के कर्मचारी-अधिकारी मौजूद रहे।




