सर्प दंश से चार दिन बाद युवक की हुई मौत…

सांप काटने की दशा में यदि प्रभावित व्यक्ति को सांप झाड़ने वाले ओझाओं के पास जाने के बजाए यदि डॉक्टर के पास ले जाया जाए और एंटीवेनम लगवाया जाए, तो जहरीले सांप के काटने पर भी रोगी को बचाया जा सकता है…
तमनार। खेत से धान काटने के दौरान एक युवक को चार दिन पहले सर्प दंश का शिकार हो गया था, जिससे परिजनों द्वारा झाड़फुक कराया जा रहा था, लेकिन जब तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो अस्पताल लाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। तमनार थाना क्षेत्र के ग्राम लमदरहा निवासी गुलाप राठिया पिता बालकराम राठिया (21 वर्ष) विगत 4 जून को खेत में धान काट रहा था, इस दौरान उसके बांये पैर में सर्प ने डंस लिया। जिससे परिजनों को बताया तो परिजन उसे लगातार झाड़फुक करा रहे थे, मंगलवार को जब उसकी तबीयत गंभीर होने लगी तो तमनार अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद केजीएच रेफर कर दिया। इस दौरान रायगढ़ लाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई, जिससे परिजनों ने उसे रायगढ़ न लाकर वापस घर लेकर चले गए।

सर्प के काटने से सबसे पहले आंख की पलकों में पैरालिसिस हो जाता है। फिर फेफड़े और शरीर के अन्य अंग भी पैरालिसिस ग्रसित होने लगते हैं जिससे आक्सीजन टूटने लगती है और मौत हो जाती है।
झाड़ फूंक में समय गंवाने से बेहतर है कि अधिकतम एक घंटे के भीतर अस्पताल आ जाएं तो जान पर आए खतरे को टाला जा सकता है।




