छत्तीसगढ़

सुपोषण के लिए हर परिवार को जाग्रत करें : कलेक्टर

कलेक्टर ने की मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की समीक्षा

राजनांदगांव । कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने मंगलवार, 7 जून को महिला-बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक लेकर जिले में चलाए जा रहे हैं, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की समीक्षा की। कलेक्टर ने बैठक में कहा कि जिले में 16 मई से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। इसका अभी तक अपेक्षित परिणाम मिला हैं। आगामी 15 अगस्त तक जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए और अधिक सार्थकतापूर्वक अभियान को चलाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केवल शासकीय प्रयास के साथ ही सामूहिक प्रयास और जनभागीदारी की सहभागिता और जनजागरूकता की विशेष जरूरत है। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, आम जनता और प्रत्येक परिवार के माता-पिता की सहभागिता सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने कहा हर परिवार को जाग्रत करें। परिवार के सदस्यों को बच्चे को कैसे स्वस्थ्य रखा जाए इस संबंध में चर्चा करें। स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सलाह दें। कलेक्टर ने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग दोनों की महती जिम्मेदारी है। कलेक्टर ने कहा कि गंभीर कुपोषित बच्चों के साथ एनिमिक महिला और किशोरी बालिका पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

बैठक में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के साथ ही बच्चों में टीकाकरण पूर्व में टीकाकरण के प्रगति की स्थिति हाई रिस्क वाले गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव हेतु फॉलोअप एवं उपचार के प्रगति की समीक्षा की गई। इसके साथ ही सुपोषण अभियान के अंतर्गत किशोरी बालिका में हीमोग्लोबिन की जांच की स्थिति पर विशेष चर्चा की गई। बैठक में विशेष रूप से कोविड-19 टीकाकरण की समीक्षा की गई। जिसमें अधिक आयु वर्ग के वरिष्ठ नागरिक एवं फ्रंटलाइन वर्कर को अनिवार्य रूप से टीकाकरण करने कहा गया। कलेक्टर ने बैठक में गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम, ओपीडी, आईपीडी के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत सामान्य रूप से होने वाले रोगों के उपचार व नियंत्रण के लिए आवश्यक सुझाव और सलाह दिए।

बैठक में विशेष रूप से उपस्थित पद्मश्री डॉ. पुखराज बाफना ने बच्चे के स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार दिन की शुरूआत फूड मॉर्निंग के साथ करें। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य केवल बच्चे को सुपोषित करने तक नहीं है, साथ ही साथ बच्चे के जीवन भर के लिए स्वस्थ जीवन के लिए उचित माहौल तैयार करना है। अभियान का दूरगामी परिणाम आना चाहिए। डॉ. बाफना ने कहा कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से 2 साल तक के बच्चे अधिक संवेदनशील होते हैं। उन्हें विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किशोरी बालिका स्वास्थ्य की दृष्टि से केंद्र बिंदु है। अगर किशोरी बालिका स्वस्थ होंगी तो वह भविष्य में स्वस्थ शिशु को जन्म देगी। इसके लिए उन्होंने जनजागरूकता को अहम बताया। उन्होंने अभियान चलाकर हर परिवार और बच्चे की मां को बच्चे के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक उपाय की जानकारी देने कहा। डॉ. बाफना ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे के लिए दूध, गुड़, चना, मूंगफली बहुत ही पौष्टिक आहार होता है। इसे खिलाने से बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ रहते हैं। बैठक में उपस्थित परियोजना अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपना-अपना अनुभव साझा किया। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती रेणू प्रकाश सहित स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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