अधिकारीयों की मनमानी से व्यथित ग्रामीण मतदान बहिष्कार की तैयारी में

अधिकारीयों की मनमानी से व्यथित ग्रामीण मतदान बहिष्कार की तैयारी में
प्रशासनिक उपेक्षा से ग्राम सिंघारी के मतदाताओं में आक्रोश

अधिकारियों की मनमानी और जनभावना की अनदेखी जनता के आवाज की अनसुनी से व्यथित ग्राम सिंघारी के मतदाता अब मदान बहिष्कार का निर्णय लेने को विवश हो सकते हैं । ग्रामवासियों का कहना है कि अधिकारी हमारी बातों और जनभावना को बिना समझे पांच सौ मीटर की दूरी के स्थान पर02 किलोमीटर की दूरी वाले ग्राम पंचायत से हमारे गांव को जोड़ दिया गया हैं जिससे हमें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। अपनी समस्याओं को अवगत कराते हुए हमने चुनाव शाखा बरमकेला तहसील में, अनुभागीय अधिकारी राजस्व सारंगढ़ से लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय तक दरखास्त दे चुकेे हैं परंतुु हमारी बातों को समझने और सार्थक पहल करने के बजाए अधिकारी अगले 05 साल इंतजार करनेे की समझाइस दे रहे है। उक्त बातें ग्राम सिंघारी के ग्राम प्रमुख गण बाबुलाल, मनोहर, गणेश राम, रविचरन साहू ने अपने आवेदन के साथ ही व्यथित होकर प्रेस को अवगत कराया है ।
विदित हो कि बरमकेला तहसील मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर स्थित छोटे से ग्राम सिंघारी जहां मात्र 307 मतदाता हैं इस गांव को पिछले पंचायत चुनाव के दौरान 2 किलोमीटर दूर कुम्हारी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम बना दिया गया था कुम्हारी ग्राम पंचायत का एक अन्य आश्रित ग्राम मेड़रा तो सिंघारी से 5 किमी से भी अधिक दूरी पर है। जबकि गांव वालों की मांग थी अपने गांव से लगे हुए ग्राम पंचायत खिचरी में उन्हें जोड़ा जाए क्योंकि ग्राम पंचायत खिचरी की सीमा सिंघारी से जुड़ा हुआ है जो आधा किमी की दूरी पर स्थित है। यहां के आश्रित ग्राम कनकीडीपा में ही लोकसभा एवं विधान सभा में मतदान केंद्र होने से सिंघारी गांव के लोग मतदान करने आते हैं। अधिकारी सिंघारी गांव को दूसरे पटवारी हल्का होने का तर्क दे रहे हैं जबकि ग्राम पंचायत खिचरी का ही आश्रित गांव कनकीडीपा और सिंघारी दोनों एक ही पटवारी हल्का नंबर से हैं । इस प्रकार अधिकारी अपने असंगत तर्क से ग्रामवासियों को गुमराह कर 5 वर्ष तक इंतजार करने की समझाईश दे रहे हैं जिससे व्यथित होकर सिंघारी ग्रामवासी इस बात का निर्णय लेने के लिए विवश हो रहे हैं कि वह ग्राम पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे जिसके लिए पूरी तरह अधिकारियों विशेषकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सारंगढ़ की मनमानी और जनता के भावना की अनसुनी ही पूरी तरह से जिम्मेदार होगा । अभी भी ग्रामवासियों को उम्मीद है कि संवेदनशील कलेक्टर यशवंत कुमार ग्रामीणों की भावना को समझते हुए उनके गांव को नजदीकी ग्राम पंचायत से जोड़ने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश देंगे।




