खरसिया। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए एसीबी-ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) की टीम लगातार सक्रिय है। इसी कड़ी में शनिवार को रायगढ़ जिले के खरसिया से बड़ी कार्यवाही सामने आई है। एसीबी की टीम ने आबकारी विभाग के उप निरीक्षक संतोष कुमार नारंग को 50 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए खरसिया कार्यालय से रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
कैसे शुरू हुआ मामला?
मामला 20 अगस्त 2025 से जुड़ा है। धर्मजयगढ़ निवासी सुनीत टोप्पो ने एसीबी इकाई बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि 19 अगस्त को उप निरीक्षक नारंग उनके घर पंडरी महुआ पहुंचे और अवैध शराब बनाने का आरोप लगाया। इस दौरान नारंग ने शिकायतकर्ता की मां से कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करवा लिए। शिकायत के मुताबिक, नारंग ने कड़ी कार्यवाही से बचाने के नाम पर 50 हजार रुपए की मांग की।
एसीबी की ट्रैप योजना
शिकायत की जांच के बाद आरोप सही पाए गए। इसके बाद एसीबी ने ट्रैप की योजना बनाई। तय योजना के अनुसार, 30 अगस्त को शिकायतकर्ता सुनीत टोप्पो को 50 हजार रुपए लेकर खरसिया स्थित आबकारी कार्यालय भेजा गया। जैसे ही आरोपी उप निरीक्षक नारंग ने रिश्वत की राशि ली, एसीबी टीम ने उसे मौके पर ही दबोच लिया।
बरामद राशि और कानूनी कार्यवाही
कार्यवाही के दौरान एसीबी ने मौके से पूरी राशि 50 हजार रुपए जब्त कर ली। आरोपी को हिरासत में लेकर आवश्यक दस्तावेजी कार्यवाही की गई। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत अपराध दर्ज किया गया।
जनता में सकारात्मक संदेश
एसीबी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में विश्वास बढ़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर सरकारी अधिकारी छोटे-छोटे आरोप लगाकर पैसा वसूलते हैं, लेकिन एसीबी की इस सख़्त कार्यवाही ने पीड़ितों को राहत दी है।
यह कार्यवाही रायगढ़ जिले में चर्चाओं का विषय बनी हुई है। लोगों को उम्मीद है कि इससे अन्य अधिकारियों को भी सबक मिलेगा और विभागीय कामकाज पारदर्शी होगा। वहीं एसीबी का कहना है कि राज्यभर में इस तरह की कार्यवाहीयां लगातार चलती रहेंगी और किसी भी भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।




