रायगढ़ जिले में होने वाले हादसों में आधे से अधिक की वजह कोयला खदानें हैं। खदानों में गाईडलाईन और माइनिंग प्लान के हिसाब से खनन नहीं होता। पिछले दिनों एनजीटी द्वारा गठित कमेटी ने घरघोड़ा और तमनार क्षेत्र में कोयला खदानों का निरीक्षण किया। कमेटी ने अंबुजा सीमेंट की चादान गारे पेलमा 4/8 का भी जायजा लिया। कमेटी ने पाया कि लीज एरिया के अंदर पब्लिक रोड के दोनों ओर ओबी डंप किया गया है। माइनिंग प्लान के हिसाब से रोड के 45 मीटर दूर ही ओबी डंप किया जा सकता है। इसके अलावा खदान में पानी भरने से रोकने के लिए चारों ओर नालियों का निर्माण भी नहीं किया गया। उसी रोड से होकर कोल लोडेड ट्रक क्रॉस होते हैं जिससे हादसों का खतरा बनना हुआ है। खदान में बैक फिलिंग के लिए ओबी के साथ 25 प्रश फ्लाई एश का इस्तेमाल करना है, लेकिन अंबुजा प्रबंधन इसका पालन भी नहीं कर रहा है।
राशि देने पर भी रोड डायवर्ट नहीं…
निरीक्षण के बाद अंबुजा सीमेंट प्रबंधन को रोड डायवर्ट करने के बारे में सवाल किए गए। कंपनी ने बताया कि लीज एरिया के अंदर से गुजर रही रोड को डायवर्ट करने पीडब्ल्यूडी को जरूरी राशि दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक रोड को डायवर्ट करने के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई। फ्लाई एश के इस्तेमाल को लेकर भी कंपनी अभी तक डीजीएमएस से अनुमति नहीं ले सकी है, इसलिए कमेटी ने अंबुजा सीमेंट पर 75.90 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति लगाने की अनुशंसा की है।