छत्तीसगढ़रायगढ़

उद्यानिकी फसल की सुरक्षा हेतु सामुदायिक फेंसिग योजना का लाभ ले सकते है कृषक

क्षेत्र के उद्यानिकी अधिकारी को दे सकते है आवेदन  

रायगढ़ । उद्यानिकी फसल की सुरक्षा हेतु राज्य प्रवर्तित सामुदायिक फेंसिग योजना वर्ष 2021-22  के क्रियान्वयन हेतु किसानों से आवेदन मंगाये गये है। इसके लिये इच्छुक किसान अपने क्षेत्र के उद्यानिकी अधिकारी से संपर्क कर आवेदन कर सकते है।


सहायक संचालक उद्यान डॉ.दीवान ने जानकारी देते हुये बताया कि उद्यानिकी फसल की सुरक्षा हेतु राज्य प्रवर्तित सामुदायिक फेंसिग योजना के क्रियान्वयन हेतु कुल 35 हेक्टेयर (सामा.-15 हेक्टेयर एवं अ.ज.जा.-20 हेक्टेयर ) का भौतिक लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिसे विकासखण्ड वार विभाजित किया गया है।


उद्यानिकी फसल की सुरक्षा हेतु राज्य प्रवर्तित सामुदायिक फेंसिग योजना का लाभ लेने हेतु सामान्य एवं अ.ज.जा. मदवार लक्ष्य निर्धारण किया गया है। उक्त योजना का लाभ लेने हेतु न्यूनतम  02 कृषकों का समूह होना अनिवार्य है। तथा कृषक समूह का रकबा न्यूनतम  0.500 हेक्टेयर से अधिकतम 2.00 हेक्टेयर रकबा तक लघु /सीमंात कृषकों को  लाभ दिये जाने का प्रावधान है।

योजना का लाभ लेने के इच्छुक कृषक अपने भूमि संबंधित दस्तावेज बी-1, खसरा, आधार कार्ड, कृषक पासपोर्ट साईज फोटो, बैंक खाता एवं कृषक समूह का भूमि का एक्जाई नक्शा निर्धारित आवेदन पत्र के साथ अपने विकासखण्ड मे पदस्थ उद्यानिकी अधिकारियों से सम्पर्क कर सकते हैं। योजना क्रियान्वयन हेतु कृषकों का चयन ‘पहले आओ- पहले पाओ’ के आधार पर किया जावेगा। योजना अंतर्गत पिछले 03 वर्षो के लाभान्वित कृषक इस वर्ष में लाभान्वित नही हो सकेंगे। योजना का लाभ लेने के लिये इच्छुक कृषक विकासखण्ड-कार्यालय/प्रभारियों के पास आवेदन/प्रकरण जमा करायेगें।


छ.ग.शासन के दिशा निर्देशानुसार प्रति हेक्टेयर आदान समाग्री-सीमेंट फेंसिग पोल-180 नग एवं चैनलिंक-1000 कि.ग्रा. की  कुल लागत राशि 108970 रुपये का 50 प्रतिशत अधिकतम रााशि 54485 रुपये अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। प्रति हेक्टेयर मात्रा के अनुसार आदान समाग्री-सीमेंट फेंसिग पोल एवं चैनलिंक कृषक पंजीकृत संस्थाओं यथा छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम या उनके अनुबंधित कंपनी से आदान समाग्री क्रय कर 100 प्रतिशत का देयक प्रस्तुत करना होगा तथा अपने प्रक्षेत्र में सीमेंट फेंसिग पोल एवं चैनलिंक फिक्सिंग का कार्य पूर्ण कर जिले के सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा सत्यापन करा कर प्रस्तुत करना होगा। सत्यापन पश्चात योजना के प्रावधान अनुसार अनुदान राषि कृषक के खाते में डी.बी.टी किया जावेगा।

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