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पेट्रोल की कीमतों में आग, दाम 100 रुपये के पार, जानिए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खेद जताकर किस पर फोड़ा ठीकरा 

देश में पेट्रोल के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। इसे लेकर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खेद जताते हुए कहा कि तेल संपन्न देशों पर ठीकरा फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि ये देश तेल के उपभोग कर्ता देशों के हितों को नहीं देख रहे हैं। उधर देश के कुछ शहरों में प्रीमियम पेट्रोल के दाम शनिवार को 100 रुपये के पार पहुंच गए। इन शहरों में भोपाल भी शामिल है।

मंत्री प्रधान ने दो दिन पूर्व राज्यभा में तेल कीमतें कम नहीं कर पाने को लेकर लाचारी जताई थी। शनिवार को उन्होंने खेद जताते हुए तेल संपन्न देशों को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना है कि तेल संपन्न देशों ने एक कृत्रिम मूल्य प्रणाली बना ली है, यह उपभोग करने वाले देशों को चुभ रही है।

इस बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत देश के कई शहरों में शनिवार को प्रीमियम पेट्रोल 100.28 रुपये प्रति लीटर के उच्च स्तर पर पहुंच गया। वहीं राज्य के अनूपपर में इसके दाम 102 रुपय और शहडोल में 100.49 रुपये प्रति लीटर हो गए। सादे पेट्रोल के दाम भी देश के अधिकांश शहरों में 85 से 97 रुपये प्रति लीटर के बीच हैं। राज्यवार इन पर स्थानीय कर कम-ज्यादा होने से यह अंतर है।

राज्यसभा में पूछा गया था-राम के देश में कब सस्ता होगा पेट्रोल
तेल महंगा होने का मामला गत दिवस राज्यसभा में भी उठा था। सपा सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने पूछा कि, ‘सीता माता के देश नेपाल और रावण के देश श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल सस्ता है, तो राम के देश में सरकार दाम कब कम करेगी?’

नेपाल व श्रीलंका से तुलना पर प्रधान ने यह कहा था
निषाद के सवाल के जवाब में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि, ‘देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक अंतरराष्ट्रीय मूल्य प्रणाली के तहत नियंत्रित होती हैं। पिछले 300 दिनों में करीब 60 दिन तेल की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है। इन देशों से भारत की तुलना करना सही नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत और इन देशों में केरोसीन की कीमत में काफी अंतर है। बांग्लादेश और नेपाल में केरोसीन क्रमश: 57 से 59 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन भारत में केरोसीन 32 रुपये प्रति लीटर है।’

कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने कहा था-कच्चा तेल नहीं है महंगा
सदन में कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने सवाल किया कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें उच्चतम स्तर पर हैं, जबकि कच्चा तेल उच्चतम स्तर पर नहीं है? जवाब में प्रधान ने कहा कि, ‘हमें टैक्स से जुड़े मामले बहुत ध्यान से देखने होते हैं। पिछले 300 दिनों में से 60 दिन ऐसे हैं, जब कीमतें बढ़ी। पेट्रोल सात दिन और डीजल की कीमत 21 दिन घटाई गई है। वहीं 250 दिन कीमतों में बदलाव नहीं किया गया। इसलिए यह कहकर कैंपेन करना कि पेट्रोल-डीजल के दाम ऑल-टाइम हाई हैं, असंगत है।’

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