जैविक युद्ध में बदल सकती है कोरोना महामारी, सभी देश तैयार रहें – सीडीएस रावत
नई दिल्ली -कोरोना महामारी व उसके नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने चेतावनी दी कि यह महामारी जैविक युद्ध में बदल सकती है।
जनरल रावत ने कहा कि ऐसे हालात में विश्व के सभी देशों को इसका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना चाहिए। बिम्सटेक के सदस्य देशों से जुड़े आपदा प्रबंधन अभ्यास के शुभारंभ के मौके पर सीडीएस ने यह बात कही। कार्यक्रम में भारत, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, भूटान, थाईलैंड, श्रीलंका आदि देश भाग ले रहे हैं।
सीडीएस रावत ने `पैनेक्स-21` में कहा, `मैं एक और मुद्दा उठाना चाहूंगा। वह यह है कि क्या यह महामारी एक नए प्रकार के युद्ध का स्वरूप ले रही है। हम लोगों को खुद को मजबूत कर इससे निपटना होगा ताकि ये वायरस और बीमारियां हमारे देश को प्रभावित न कर सकें।` उन्होंने कहा कि अब कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट सामने आया है। अगर यह अन्य रूपों में बदलता है तो हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।
बुद्धि व विवेक से एक दूसरे का साथ दें
सीडीएस रावत ने कहा, `हम सभी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपनी बुद्धि व विवेक से एक-दूसरे का साथ दें। विश्व भर के सशस्त्र बलों को इन विपत्तियों से निपटने के लिए विशेष तैयारी करनी पड़ती है।`
नागरिकों की मदद में सेना का इस्तेमाल
कोरोना महामारी काल में यह देखा गया कि हर देश ने अपने रक्षा बलों का इस्तेमाल नागरिकों की मदद करने के लिए किया। कार्यक्रम में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने भी भाग लिया। उन्होंने सदस्य देशों को प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से लड़ने के लिए मिलकर काम करने के लिए कहा।
कार्यक्रम में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भी इस मौके पर कोरोना के नए वैरिएंट के उभरने और संक्रमण बढ़ने को लेकर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि कोरोना का संकट अभी टला नहीं है।