जे एस पी एल फाउंडेशन ने कुष्ठ-पीड़ितों को दिए राशन सहित सेल्फ केयर कीट

जे एस पी एल फाउंडेशन ने कुष्ठ-पीड़ितों को दिए राशन सहित सेल्फ केयर कीट

रायगढ़ -कोरोना वायरस संक्रमण से लाकडाउन लगाए जाने के कारण जंहा सब कुछ ठप्प पड़ा है वंही कुष्ठ पीड़ितों की स्थिति दयनीय है और उनके सामने सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है। इसके अलावा इन्हे अपने घाव के लिए मरहम-पट्टी जैसी प्राथमिक उपचार से भी वंचित होना पड़ रहा है। इस संकट काल में जरुरत मंदों की थाली खाली ना रहे इसलिए जे एस पी एल फाउंडेशन ऐसे विषम दौर में कुष्ठ पीड़ितों को सूखा राशन बैग उपलब्ध कराने के साथ उनकी देख-भाल के उद्देश्य से उन्हें सेल्फ केयर कीट स्व सुरक्षा निदान कीट उपलब्ध करवा रही है। जिससे की वे स्वयं से मरहम पट्टी कर अपना उपचार कर सकें। राशन वितरण के दौरान सभी लोगों को चेहरे पर मास्क जरुरी तथा एक दूसरे से दो गज दुरी बनाये रखने प्रेरित किया जा रहा है।
जे एस पी एल फाउंडेशन द्वारा अरुणोदय परिसर जुर्डा कुष्ठ आश्रम एवं संत विनोबा नगर के 50 कुष्ठ पीड़ितों को सूखा राशन बैग उपलब्ध कराया गया जिससे की वे लॉकडाउन में भोजन की परेशानियों से निजात पा सकें। इनमें से कई कुष्ठ पीड़ित कोरोना संक्रमित होकर कोरोंटाइन थे। इसके अलावा कोरोना महामारी के कारण कुष्ठ पीड़ितों को उनके हाथ-पैर के घाव के उपचार व देख-रेख सहित नियमित मरहम-पट्टी नहीं हो पा रहा था , उनके देखभाल के उद्देश्य से उन्हें स्व सुरक्षा निदान कीट का वितरण किया गया,जिससे की वे स्वयं से घर पर ही अपनी मरहम-पट्टी कर सकें। इसके पूर्व भी क्षेत्र के किन्नर समाज ,एच आई पीड़ितों , महिला यौनकर्मी ,ट्रकर्स-हेल्पर्स , अप्रवासी मजदूरों सहित गांव के कोरोना संक्रमितों के परिवार जैसे कई वर्गों के जरूरतमंदों तथा कोविद स्वास्थ्य केंद्रों में पौष्टिक आहार उपलब्ध करवा चुकी है। उल्लेखनीय है की चेयर-पर्सन श्रीमती शालू जिंदल के मार्गदर्शन में जे एस पी एल फाउंडेशन समाज के हर वर्ग तक पहुँच कर उन्हें लाभान्वित करने के लिए निरंतर प्रयत्न शील हैं।
इस क्रम में पूर्व में अरुणोदय परिसर जुर्डा कुष्ठ आश्रम के कुष्ठ पीड़ितों के लिए उनके ही परिवार के सदस्य को कम्युनिटी ड्रेसर बनाया गया था जिससे वंहा रहने वाले कुष्ठ पीड़ितों की नियमित ड्रेसिंग हो रही थी। इसके अलावा कउहाकुण्डा स्थित कुष्ठ पीड़ितों के वृद्धाश्रम में भवन निर्माण व जीर्णोद्धार, एम् सी आर शूज ,पेयजल व्यवस्था सहित मेडिकल वैन के द्वारा उनके प्राथमिक उपचार व समय समय पर कुष्ठ पीड़ितों को आस-पास के धार्मिक स्थलों का भ्रमण जैसी कई सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाता है।
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