रायपुर। गोठान व गौधन न्याय योजना को लेकर आज सदन में नोंकझोंक हुई। अजय चंद्राकर ने गोठान व गौधन न्याय योजना को मिले 350 लाख रूपये का मामला उठाया। अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि कोराना काल में आबकारी विभाग में सेस लगाया गया था, उस राशि का उपयोग गोठान व गौधन में किया गया, जबकि शराब पर सेस कोरोना के नाम पर लगाया गया था, लेकिन उस सेस की राशि का स्वास्थ्य व कोरोना संकट में उपयोग नहीं किया गया। अजय चंद्राकर का आरोप था कि सेस एक तरह का टैक्स होता था, जिस मद में सेस की राशि की वसूली होती है, सेस की राशि को उसी मद में खर्च किया जाना था।
अजय चंद्राकर के बाद शिवरतन शर्मा ने पूरक सवाल उठाते हुए कहा कि गौठान की राशि को गोबर खरीदी में उपयोग किया जा रहा है, जबकि सेस की राशि को एक दूसरे मद पर खर्च नहीं किया जा सकता है। शिवरतन शर्मा ने सवाल पूछा कि क्या एक योजना की राशि को दूसरी योजना में खर्च कर सकते हैं क्या ?… जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि उसी योजना में खर्च किया जा रहा है। बार-बार शिवरतन शर्मा ये पूछते रहे कि,. क्या एक योजना की राशि दूसरे में खर्च कर सकते हैं ?….बार-बार मंत्री रविंद्र चौबे यही जवाब देते रहे कि, उसी परिप्रेक्ष्य में शर्च किया जा रहा है। रविंद्र चौबे ने मजाकिया लहजे में पूछा कि, आखिर आप गोबर खरीदी के विरोध में क्यों है…जवाब में अजय चंद्राकर बोले- हम विरोध में नहीं है। उसके बाद रविंद्र चौबे ने कहा कि अगर गडकरी जी को पता चला ना तो क्लास लगा देंगे।