थोड़े से प्रयास व कुछ सुविधाए बढ़ाई जाए तो छोटे पडरमुडा में स्थित ऐतिहासिक जंगल में पर्यटन की असीम संभावनाएं..
खरसिया से रामपुर कोरबा को जोड़ने वाली चमचमाती सड़क बरगढ़ खोला के डोमनारा से कुछ किलोमीटर आगे बढ़े हि थे कि हमारे प्रकृति प्रेमी हेमेन्द्र दर्शन बताएं कि
यहाँ प्राचीन मंदिर और लंबी-लंबी अथाह सुरंगें हैं. फिर क्या था इतना सुनते हमारे भी कदम कल कल मधूर संगीत मय स्वर को सुनने देखने का भला मौका कैसे छोड़ देते… पहाड़ के चोटियों से की ओर बढ़ते चले …
जहाँ पत्थरों को हाथ से रगड़ने पर आज भी भभूत मिल जाता है. यही नहीं इस जंगल (डोंगरी) पर आयुर्वेदिक औषधियों का भी भंडार है. जहाँ आज भी वैद्यो को कई दुर्लभ प्रजाति की औषधियों तथा जड़ी बुटी के पौधे आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं.
जंगल डोंगरी के चोटी के चट्टान से झर रहे है झरना बाहर जलाशय है जो बारह महीने पानी से भरा रहता है. जो कि नहाने वाले को ताजगी से भर देता है. किसानों के रवि खरिफ के फसलों के लिए जीवनदायनी बना हुआ है
इस जगह को ऐतिहासिक स्थल घोषित कर इसका संरक्षण संवर्धन करने तथा यहाँ सुविधाएं विकसित करने की मांग आस-पास की जनता के द्वारा पूर्व के सरकार से कई वर्षों से किया गया आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला है यदि यहाँ जाने हेतु पहुँच मार्ग तथा ऊपर चढ़ने हेतु सीढ़ियों का निर्माण करवा दिया जाए तो यहाँ पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं जो बरगढ़ खोला क्षेत्र के विकास में काफी मदद गार हो सकता हैं और क्षेत्र के विकास के साथ लोगो को शहर से नजदीक सुकून के पल कोलाहल से मिलेंगे वहीं रोजगार के अवसर भी…
जो थोड़े से ईमानदार प्रयास कर कुछ सुविधाएं बढ़ाई जाए तो पर्यटन कि अपार संभावनाएं हैं। यह प्रयास करने होंगे शासन प्रशासन के साथ प्रकृति प्रेमी, जिम्मेदारो को…
एक ऐसी ही जगह है रायगढ़ जिले के खरसिया विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत फरकानारा के छोटे पडरमुडा में स्थित क्षेत्र के सुप्रसिद्ध और ऐतिहासिक जंगल (पहाडी)जिस जगह में यह पहाड़ी ( जंगल) स्थित है । उस जगह को प्राचीन काल के ऋषियों की तपोभूमि हुआ करता था ऐसा लोग कहते हैं. जहाँ आज भी ऋषियों के कुछ अवशेष औषधियों के पौधे गुफ़ा मौजूद हैं.
बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि यहाँ डोंगरी के अंदर में झरना है, मंदिर गुफ़ा,हरा भरा अमरैया का मैदान है.
जो हर मौसम में ठण्ड और ताजगी से भरा रहता है ….