बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ खरसिया में मौन कैंडल यात्रा…
खरसिया। एक बड़े हिंदू समुदाय का इस प्रकार से उत्पीड़न होता रहे और सरकार सिर्फ देखते रहे,लंबे समय तक यह स्वीकार नहीं किया जा सकता…
बांग्लादेश में हिंदु अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे लगातार अत्याचार के विरोध में शनिवार को खरसिया में कैंडल मार्च निकाला गया।
इस कैंडल मार्च का नेतृत्व खरसिया विधायक उमेश पटेल ने किया। यात्रा की शुरुआत अग्रेसन चौक से शुरू हो यह कारवां सुभाष चौक तथा स्टेशन चौक होते हुए शहीद नन्द कुमार पटेल स्मारक स्थल तक पहुँची।
कैंडल मार्च में क्षेत्र के हर धर्म के नागरिकों के साथ-साथ खरसिया कांग्रेस परिवार, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई और खरसिया ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया और हाथों में “बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बंद हो,” “मार्च फॉर जस्टिस,” और “हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करो” जैसे संदेश लिखी तख्तियां लेकर अपना विरोध दर्ज कराया।
इस कैंडल मार्च में धर्म नगरी के जागरूक नागरिकों ने उत्साह से भाग लिया। कई नागरिकों ने अपने घरों की छतों और दरवाजों से इस कैंडल मार्च का मौन समर्थन किया और बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी एकजुटता का संदेश दिया। रैली का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ शांति का संदेश देना और नागरिकों की एकजुटता को प्रदर्शित करना था।
कैंडल मार्च के दौरान स्थानीय शासन-प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए थे, जिससे नगर के चौक चौराहों से होते हुए कैंडल मार्च शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।
धर्म नगरी के नागरिक शहीद नन्द कुमार पटेल स्मारक स्थल पर पहुँचकर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दूओं पर हुए अत्याचार को लेकर नागरिकों श्रद्धांजलि अर्पित की और शांति की कामना की।
खरसिया विधायक उमेश पटेल
खरसिया विधायक उमेश पटेल ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दूओं पर हो रहे हमले और धार्मिक उत्पीड़न न केवल वहां की धार्मिक सौहार्द को खतरे में डाल रहे हैं,
विधायक उमेश पटेल ने सरकार से अपील की कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दूओं के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
इस दौरान खरसिया नगर के नागरिकों ने भी इस मुद्दे पर अपने अपने घरों के दरवाजे,छतों पर मौन कैंडल मार्च का समर्थन करते नज़र आए और बांग्लादेश के हिन्दूओं के लिए सुरक्षा और सम्मान की माँग किए…
उमेश पटेल यूं ही खरसिया के लाडले विधायक नहीं कहे जाते,वे जनता की नब्ज़ टटोलने में माहिर हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उन्होंने बहु-संख्यकों के विचारों और भावनाओं के समर्थन में कैंडल मार्च निकाला,जो पूरे छत्तीसगढ़ के लिए नज़ीर साबित हो रहा है। वहीं उनका यह कदम सभी राजनीतिक दलों की प्रशंसा बटोर रहा है।