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धान खरीदी और रेत उत्खनन के मुद्दे पर विधायक उमेश पटेल ने सरकार को घेरा…

किसान पुत्र उमेश पटेल: किसानों के दर्द को समझने वाला जनसेवक

रायपुर।छत्तीसगढ़ के युवा नेता और किसान पुत्र उमेश पटेल ने एक बार फिर अपने काम और विचारधारा से यह साबित कर दिया है कि वह न केवल किसानों की समस्याओं को समझते हैं, बल्कि उन्हें दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास भी करते हैं।

उमेश पटेल,जो खुद एक किसान परिवार से आते हैं,ने हाल ही में क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों का दौरा किया। उन्होंने किसानों के साथ सीधे संवाद करते हुए उनकी समस्याओं को समझा और समाधान के लिए …

मैं एक किसान का बेटा हूं, इसलिए मैं किसानों के संघर्ष और पीड़ा को अच्छी तरह समझता हूं। किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उनकी हर समस्या को हल करना मेरी प्राथमिकता है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन खरसिया विधायक उमेश पटेल ने किसानों के मुद्दे उठाकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने धान खरीदी,रेत उत्खनन और राजस्व प्रकरणों सहित कई मुद्दों पर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।

धान खरीदी में सरकार की मंशा पर उठाए सवाल


विधायक उमेश पटेल ने धान खरीदी के मुद्दे पर सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों को प्रति क्विंटल 3100 रुपये देने का वादा किया था, लेकिन उन्हें केवल समर्थन मूल्य मिल रहा है। विधायक पटेल ने कहा कि प्रदेश में धान खरीदी की प्रक्रिया सुस्त है, जिसके चलते किसान अपने पूरे धान का विक्रय नहीं कर पा रहे हैं।

कांटा का सत्यापन प्रमाण पत्र भी नहीं…

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि खरीदी केंद्रों में बारदाने की कमी और प्रति बोरी 40 किलो से अधिक धान लेने की शिकायतें सामने आ रही हैं।


विधायक पटेल ने कहा कि मिलरों की नाराजगी के कारण धान का उठाव नहीं हो रहा, जिससे केंद्रों में धान का संग्रहण बढ़ रहा है और आर्थिक नुकसान हो रहा है। कई खरीदी केंद्र बंद होने की स्थिति में हैं, जिससे किसानों को असुविधा हो रही है।

रेत उत्खनन नीति पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया


अपने तारांकित प्रश्न क्र. 197 के माध्यम से उमेश पटेल ने प्रदेश में रेत उत्खनन नीति को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण अवैध रेत उत्खनन बढ़ रहा है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। विधायक पटेल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को मुफ्त रेत उपलब्ध कराने की घोषणा को लागू न किए जाने पर भी नाराजगी जताई।

राजस्व और वन विभाग के मुद्दों पर भी सरकार को घेरा


विधायक उमेश पटेल ने राजस्व प्रकरणों में लंबित मामलों को लेकर तारांकित प्रश्न क्र. 198 के माध्यम से सवाल किए। उन्होंने कहा कि नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा जैसे छोटे मामलों का निराकरण वर्षों तक लंबित रहता है, जिससे जनता को परेशानी हो रही है।
वन विभाग से जुड़े सवाल में उन्होंने रायगढ़ जिले में हाथियों के दलों द्वारा हुए नुकसान और मुआवजे पर सवाल खड़े किए। पटेल ने कहा कि मुआवजा बेहद कम है और सरकार को इसे बढ़ाना चाहिए ताकि प्रभावित लोगों को पर्याप्त राहत मिल सके।

विपक्ष की मुखर आवाज बने उमेश पटेल

विधानसभा में उमेश पटेल ने किसानों, रेत उत्खनन, राजस्व और वन विभाग से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के हितों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी। विधायक पटेल ने कहा कि वह जनता की समस्याओं को लेकर लगातार मुखर रहेंगे और उनके हक के लिए आवाज उठाते रहेंगे।

किसानों के लिए उमेश पटेल का समर्पण और उनकी नीतियों ने उन्हें एक सच्चे जननेता के रूप में स्थापित कर दिया है। किसान समुदाय को उनसे बड़ी उम्मीदें हैं, और वह इन उम्मीदों पर खरे उतरने के लिए कृतसंकल्प दिखाई देते हैं।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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