पीएम को पत्र लिख 69 पूर्व नौकरशाहों ने सेंट्रल विस्टा की जरूरत पर उठाया सवाल
देश के 69 पूर्व नौकरशाहों के समूह ने पीएम नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना पर चिंता जताते हुए सवाल उठाए हैं। पत्र में आरोप लगाया गया है कि इस परियोजना में शुरुआत से ही गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाया जा रहा है।
कांस्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप से जुड़े नौकरशाहों ने कहा, परियोजना ऐसे समय लाई गई है जब देश के जन स्वास्थ्य ढांचे में निवेश की दरकार है। पत्र में पूछा गया है कि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी प्राथमिकताओं की जगह बेकार और अनावश्यक परियोजना को प्राथमिकता क्यों दी जा रही है।
पूर्व आईएएस अधिकारी जवाहर सरकार, जावेद उस्मानी, एनसी सक्सेना, अरुणा रॉय, हर्ष मंदर और राहुल खुल्लर, पूर्व आईपीएस अधिकारी एएस दुलत, अमिताभ माथुर और जुलियो रिबेरो सहित अन्य पूर्व अफसरों के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है कि गिरती अर्थव्यवस्था और लाखों लोगों की बदहाली के बीच सरकार ने इस पर निवेश का विकल्प चुना।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने केंद्रीय विस्टा मामले में कानून के शासन का अनादर किया। शुरुआत से परियोजना में गैर-जिम्मेदाराना रवैया दिखा। पूर्व नौकरशाहों ने हैरानी जताई कि प्रधानमंत्री कार्यपालिका के प्रमुख होते हैं, विधायिका के नहीं। जिस भवन में संसद के दोनों सदन होंगे, नियमों के मुताबिक उसकी आधारशिला राष्ट्रपति को रखनी चाहिए थी।