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गरीबों का सपना अधूरा,मुफ्त रेत की योजना पर प्रशासनिक उदासीनता की मार…

नंदेली। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घर के सपने संजोए गरीब लाभार्थियों के लिए सरकार ने मुफ्त रेत उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, ताकि सीमित संसाधनों वाले लोग अपने आशियाने का निर्माण कर सकें। विधानसभा सत्र में की गई इस घोषणा ने हजारों जरूरतमंद परिवारों में उम्मीद की किरण जगाई थी। गरीबों के लिए यह घोषणा राहत का सबब मानी जा रही थी, लेकिन स्थिति ठीक इसके विपरीत नजर आ रही है।

जमीनी हकीकत: रेत लेने के लिए लाभार्थी जब निकट के खदानों या रेत डिपो पर पहुंचते हैं, तो उन्हें अवैध वसूली और बाधाओं का सामना करना पड़ता है। अधिकारियों और कर्मचारियों के दबाव के चलते ये गरीब परिवार परेशान हो रहे हैं। सरकार की ओर से मुफ्त रेत की घोषणा का पालन नहीं होना, उन परिवारों के साथ अन्याय है, जो पहले से ही सीमित साधनों के बीच संघर्ष कर रहे हैं। यह योजना जिन लोगों को राहत देने के लिए बनाई गई थी, वही लोग आज रेत न मिलने के कारण निराशा की स्थिति में हैं।

विधायक उमेश पटेल की अपील: खरसिया विधायक उमेश पटेल ने इस मामले पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार से मांग की है कि गरीबों के लिए मुफ्त रेत की योजना को अविलंब लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि गरीबों से अवैध वसूली एक बड़ा अपराध है और सरकार को इस अन्याय पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।

इस योजना के तहत लाभार्थी सिर्फ अपना सपना पूरा करना चाहते हैं, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और अवैध वसूली उनके सपनों को चूर-चूर कर रही है। गरीबों के साथ यह व्यवहार केवल उनके साथ विश्वासघात नहीं है, बल्कि उनके सपनों का भी मजाक है। सरकार को चाहिए कि वह इस योजना को यथाशीघ्र लागू करे और गरीब परिवारों के आंसुओं को पोंछने का प्रयास करे।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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