संजय राउत ने किया खुलासा- कैसे हुआ था महाविकास अघाड़ी का गठन, कांग्रेस-NCP में क्यों हुई थी कहासुनी
मुंबईः शिवसेना नेता राज्यसभा सांसद और सामना अखबार के कार्यकारी सम्पादक संजय राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोकटोक’ में महाविकास अघाड़ी के स्थापना के वक़्त जो कुछ गतिविधि हुई उसे लेकर बड़ा खुलासा किया है. पिछले साल नवंबर महीने में महाविकास अघाड़ी का गठन हुआ था जिसमें कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) और शिवसेना शामिल थी. इन दलों ने मिलकर बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए गठबंधन कर महाराष्ट्र में सरकार बनाई. आइये जानते हैं संजय राउत ने कैसे हुआ था महाविकास अघाड़ी का गठन, इसके बारे में क्या लिखा है
खड़गे और पवार में हुई थी कहासुनी
मुंबई के नेहरू सेंटर में महाविकास अघाड़ी की बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और तत्कालीन कांग्रेस प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच जमकर नोक-झोंक हुई. दरअसल विधानसभा का अध्यक्ष पद किसे मिले और एनसीपी को सत्ता में क्या मिल रहा है ये मुद्दे खड़गे ने उपस्थित किये. इसे लेकर पवार और खड़गे के बीच कहासुनी हो गई. खड़गे ने कहा कि एनसीपी के पास विधानसभा अध्यक्ष पद नहीं जाना चाहिए. जिसके बाद शरद पवार भड़क गए और पवार ने टेबल पर रखे सभी अपने पेपर उठाए और तुरंत बैठक से बाहर निकल गए. पहली बार पवार को इतना भड़का हुआ देखकर संजय राउत और प्रफुल्ल पटेल तुरंत उठकर उनके पीछे भागे.
बैठक से निकलते अजित पवार ने बंद किया मोबाइल
खड़गे और पवार के बीच हुई कहासुनी के बीच अजित पवार अपने मोबाइल में व्यस्त थे. गर्दन नीचे कर चैटिंग कर रहे थे. इसके बाद अजित पवार बैठक से बाहर निकले और उनका फोन बंद हो गया. दूसरे दिन सुबह सुबह अजित पवार के दर्शन सीधे राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में टीवी पर हुए.
गृह मंत्री अमित शाह के घर पर शरद पवार, अजित पवार, देवेंद्र फड़नवीस के बीच बैठक हुई उसके बाद सुबह सुबह शपथग्रहण समारोह का नाटक हुआ ये सरासर गलत है. अमित शाह के घर एक बैठक हुई जिसमें एक उद्योगपति और एनसीपी के बड़े नेता मौजूद थे. संजय राउत ने बताया कि सत्ता स्थापन के पहले जब शरद पवार दिल्ली में थे उस वक्त उनके और पवार साहब के बीच में अच्छा संवाद था. लगभग हर दिन हम बात करते थे. दोनों एक दूसरे को सारी घटनाक्रम की जानकारी देते थे. राउत ने कहा, बीजेपी के साथ किसी भी सूरत में जाने की स्थिति में पवार मुझे नहीं दिखे.
बीजेपी के साथ बिलकुल नहीं जाना चाहते थे शरद पवार
बीजेपी की और से अलग-अलग स्तर से सरकार बनाने को लेकर ऑफ़र आ रहे थे लेकिन पवार ने कहा कि मैं जल्द पीएम मोदी से मिलकर साफ करूंगा कि बीजेपी के साथ सरकार बनाना फ़िलहाल मेरे लिए सम्भव नहीं है.ये बात खुद पवार ने संजय राउत को बताई. किसानों के मुद्दे पर शरद पवार ने पीएम मोदी से मुलाकात की और उस मुलाकात में उन्होंने साफ किया. जिस दिन चुनाव के नतीजे आ रहे थे उस दिन में शरद पवार से उनके घर पर मिला ये खबर मीडिया ने खुद दिखाई. लेकिन असली कहानी अभी तक सामने नहीं आई है, यह पर्दे के पीछे है और शायद रहेगी.