जिला परिक्रमा

वर्दी के पीछे इंसान ही हैं

वर्दी के पीछे इंसान ही हैं

एक सिपाही बताते हैं,

लाॅक डाउन मे 50-100किलोमीटर का दौड़ भाग … थाना चौकी चेक पॉइंट, जिला मुख्यालय, परिवार को समय नहीं दे पा रहा सरकारी मकान के टूटी छत को मरम्मत नहीं कर पाया,बारिश भी आने वाला है और लाॅक डाउन…खैर

रंग बदल देने वाली सूर्य के किरणो थपेडों के साथ ही साथ प्रवासी कामगार बाहर से काफी आ रहे हैं . ऐसे में पुलिस जवान तमाम पॉइंट पर खड़े होकर मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे है. उनकी स्क्रीनिंग जहां होता है, वहां डॉक्टरों की टीम के साथ पुलिस की टीम भी होता है. पीपीई किट, मास्क सैनिटाइजर खरीदने के लिए कुछ बजट भी मिला हुआ है, शासन की तरफ से. इकाई स्तर पर उन्हें खरीदा भी गया है. जो कोरोना पॉजिटिव क्षेत्र में हैं, उन्हें पीपीई किट्स भी दी गई हैं. लेकिन जितना ड्यूटी समय है, उससे ज़्यादा ही काम कर रहे हैं.

कोरोनापलायन पथिकों को भोजन कराने, उनकी अन्य प्रकार से सहायता करने और उनके प्रति दयालुता का भाव रखने/दर्शाने से इन नौजवानों के चरित्र/व्यक्तित्व में बहुत सशक्त परिवर्तन हो रहे हैं। हम जैसे लोगों से जो थोड़ा बहुत प्रशंसा और उत्साहवर्धन मिलता है, वह इनके लिये टॉनिक का काम कर रहा है।

वे मानवता के देवदूत बन कर उभर रहे हैं

कोरोना वायरस के संक्रमण से डर लगता है क्योंकि वर्दी के पीछे इंसान ही है. लेकिन हमें ड्यूटी करना है क्योंकि हमने वर्दी पहन रखा है. दूसरों की भी सुरक्षा करना है.अपना भी सुरक्षा करना है. मनोबल न टूटने देना न झुकने देना बस आप बेवजह घर से न निकले…

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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