तो,क्या इरादा है खरसिया के जागरुक मतदाता का?
हॉट सीट खरसिया में हार-जीत की चर्चा छोड़ बढ़त की होने लगा,आखिर क्यों?
खरसिया विधानसभा सीट ये है कांग्रेस का गढ़,भाजपा को इस सीट पर अब तक है जीत का इंतजार…
शहीद नंद कुमार पटेल खरसिया से सर्वाधिक 05 बार विधायक रहे
खरसिया। रायगढ़ जिले की खरसिया विधानसभा सीट राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है।आजादी के बाद से अब तक हुए विधानसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस का अभेद किला रहा है,जिसे भाजपा समेत अब तक कोई भेद नहीं पाया है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी पर दांव खेलकर इस अभेद किले में सेंध लगाने की कोशिश जरूर की,लेकिन सफल नहीं हो पाए।
बात विधानसभा चुनाव की करें तो खरसिया विधानसभा सीट 1973 में अस्तित्व में आई और 1977 में इस सीट पर पहली बार चुनाव हुआ। पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अधिवक्ता लक्ष्मी प्रसाद पटेल को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा। वहीं भाजपा ने शत्रुघन लाल पटेल पर दांव खेला। इस चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 74539 थी और इनमें से 41501 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पहले ही चुनाव में यह साफ हो गया था कि इस सीट पर कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत है और उसे यहां हरा पाना काफी मुश्किल है। क्योंकि पहले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को 28134 वोट मिले, जबकि भाजपा को केवल 7652 वोट। इस तरह कांग्रेस ने यह चुनाव 20482 वोट के अंतर से जीत लिया,जो 50.91 प्रतिशत था।
भाजपा के स्व. लखीराम अग्रवाल भी यहां से हारे
अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान छत्तीसगढ़ में भाजपा में कोई कद्दावर नेता था तो वह थे लखीराम अग्रवाल। उन्हें छत्तीसगढ़ में भाजपा का पितृ पुरुष भी कहा जाता है। साल 1990 में जब विधानसभा चुनाव हुआ तो खरसिया सीट से भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया। वहीं इस साल नंद कुमार पटेल कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे। इस चुनाव में नंद कुमार पटेल ने लखी राम अग्रवाल को 3893 वोट के अंतर से हरा दिया। इस चुनाव में कुल 79435 वोट पड़े थे, जिसमें से नंद कुमार पटेल को 39348 वोट मिले, जबकि लखी राम अग्रवाल को 35455 वोट मिले थे।
सर्वाधिक पांच बार विधायक रहे शहीद नंद कुमार पटेल
छत्तीसगढ़ के कद्दावर नेता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे नंद कुमार पटेल इस सीट से लगातार पांच बार विधायक चुने गए। पहला चुनाव उन्होंने 1990 में लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 1993,1998, 2003 और 2008 में उन्होंने इसी सीट से लगातार जीत दर्ज की। साल 2013 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 25 मई को हुए झीरम घाटी नक्सली हमले में शहीद हो गए। साल 2013 में अंत में जब विधानसभा चुनाव हुए तो क्षेत्र के कांग्रेसी जनों के मंशा अनुरूप शहीद नंद कुमार पटेल के छोटे सुपुत्र उमेश पटेल कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और 38888 वोट के अंतर से भाजपा के डॉ जवाहर लाल नायक को शिकस्त दी।
जब अर्जुन सिंह लड़ा खरसिया से चुनाव
वर्ष 1988 में मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम अर्जुन सिंह ने खरसिया विधानसभा से उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। हुआ यूं कि पंजाब में आतंकवाद के शमन के लिए राज्यपाल बनाकर भोपाल से चंडीगढ़ भेजे गए अर्जुन सिंह संत हरचंद सिंह लोंगोवाल से समझौता करवाकर मिशन में सफल हुए। मिशन पूरा होने के बाद उन्हें एमपी लौटना था और मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायक बनना जरूरी था। ऐसे में उनके लिए खरसिया की सीट उनके लिए खाली कराई गई। तात्कालीन विधायक लक्ष्मी प्रसाद पटेल ने इस्तीफा दिया और 1988 में यहां उपचुनाव हुए। उप चुनाव में अर्जुन सिंह के सामने भाजपा के कद्दावर नेता दिलीप सिंह जुदेव थे। इस चुनाव के लिए अर्जुन सिंह सहित सरकार को एड़ी चोटी एक करना पड़ा था। परिणाम सामने आए तो अर्जुन सिंह को 43,912 और दिलीप सिंह जूदेव को 35,254 वोट मिले। इस तरह अर्जुन सिंह ने यह चुनाव जीत लिया।
पूर्व IAS के सहारे BJP का नैया पार नहीं लगा पाएं…
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो खरसिया विधानसभा सीट छत्तीसगढ़ में सभी की नजर में थी।15साल भाजपा के शासन के पश्चात यहां से उमेश पटेल के सामने पूर्व आईएएस ओपी चौधरी भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में थे। वोटिंग के बाद जब परिणाम सामने आए तो कांग्रेस को 94201 और भाजपा को 77234 वोट मिले। इस तरह उमेश पटेल ने 16967 वोट के अंतर से चुनाव जीत लिया।
वहीं क्षेत्र में चर्चा बड़ी जोरों पर है
15 साल शासन में रहने के पश्चात पूर्व IAS ओपी चौधरी को मैदान पर आजमाया गया परन्तु सफलता से कोसो दूर खरसिया विधानसभा के जागरुक मतदाता ने पूर्व आईएएस को कर दिया अब भाजपा खरसिया विधानसभा चुनाव में समय से पूर्व महेश साहु को भाजपा विधानसभा प्रत्याशी घोषित कर दांव लगा दिया है। कांग्रेस ने अजेय गढ़ में अपना प्रत्याशी घोषित किया नहीं और क्षेत्र में हार-जीत की बातों से दूर बढ़त की चर्चा होने लगा है भाजपा विधानसभा चुनाव हुए हार के बड़ी खाई को पाटने में जातिय समीकरण में क्या सफल हो पाएंगे? हमारे पाठकों को चर्चा करने छोड़ चलते …
जानिए अब तक हुए विधानसभा चुनाव में खरसिया से कौन-कौन बना विधायक
1977
लक्ष्मी प्रसाद पटेल
कांग्रेस
1980
लक्ष्मी प्रसाद पटेल
कांग्रेस
1985
लक्ष्मी प्रसाद पटेल
कांग्रेस
1988
उप चुनाव
कुंवर अर्जुनसिंह
कांग्रेस
1990
नंद कुमार पटेल
कांग्रेस
1993
नंद कुमार पटेल
कांग्रेस
1998
नंद कुमार पटेल
कांग्रेस
2003
नंद कुमार पटेल
कांग्रेस
2008
नंद कुमार पटेल
कांग्रेस
2013
उमेश कुमार पटेल
कांग्रेस
2018
उमेश कुमार पटेल
कांग्रेस