छत्तीसगढ़

सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामले देखते हुए निकाला आदेश,कर्मचारी संगठनों ने कहा-जिलों में भी ऐसा करें…


रायपुर।कर्मचारी संगठनों ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन से मुलाकात कर अपनी मांग रखी थी।रायपुर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने सरकारी कामकाज को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है। सरकार ने मंत्रालय और संचालनालय कार्यालयों में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश रोक दिया है। वहीं रोजाना के कामकाज के लिए एक तिहाई कर्मचारियों को ही बुलाने का आदेश जारी किया है। इधर, कर्मचारी संगठन केवल 50% कर्मचारियों को ही बुलाने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी संगठन जिला कार्यालयों के लिए भी ऐसे प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं।कोरोना संक्रमण ने मंत्रालय और संचालनालय को भी अपनी चपेट में लिया है। बताया जा रहा है, मंत्रालय में विधि विभाग, राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC) और बैंक के कई कर्मचारी संक्रमित हो गए हैं। उन कर्मचारियों को छुट्‌टी दी गई और वे होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं।वहीं इंद्रावती भवन में विभिन्न विभागीय संचालनालयों के 50 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी संक्रमण की वजह से बीमार हुए हैं। दूसरे सरकारी कार्यालयों में भी संक्रमण बढ़ा है। इसके बाद कर्मचारी संगठन उपस्थिति कम करने की मांग करने लगे हैं। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार ने अब सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है।शुरुआत नवा रायपुर स्थित सरकार के प्रशासनिक केंद्र महानदी और इंद्रावती भवनों से ही की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार को एक आदेश जारी किया। इधर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा का कहना है, उन लोगों ने केवल 50% कर्मचारियों की उपस्थिति में कार्यालय संचालन की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव अमिताभ जैन से मुलाकात की थी। अब एक तिहाई उपस्थिति के साथ कार्यालय संचालन का आदेश जारी हुआ है। फेडरेशन ने यह आदेश जिलों में भी लागू कराने की मांग की है। इसके लिए फेडरेशन अपने जिला इकाइयों के जरिए कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपेगा।मंगलवार से लागू होगी नई व्यवस्थाइस आदेश के मुताबिक मंत्रालय एवं समस्त विभागाध्यक्ष कार्यालयों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के एक तिहाई कर्मचारियों को ही प्रतिदिन बुलाया जाएगा। इसके लिए विभाग अपना रोस्टर बनाएंगे। कार्यालयों में अनुभाग अधिकारी एवं उनसे वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से रहेगी। यह व्यवस्था 11 जनवरी यानी मंगलवार से लागू की जानी है।कार्यालय आने वालों को प्रोटोकॉल का पालन जरूरीआदेश में कहा गया है, सभी अधिकारी और कर्मचारी अनिवार्य रूप से फेस मास्क लगाएंगे। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने को भी कहा गया है। इसके अलावा स्थिति सामान्य होने तक सार्वजनिक बसों के स्थान पर निजी अथवा विभागीय वाहनों के उपयोग को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है।लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम थाकोरोना संक्रमण की शुरुआत में लगे लॉकडाउन के दौरान मंत्रालय-संचालनालय सहित अधिकांश सरकारी कार्यालयाें में वर्क फ्राम होम शुरू हो चुका था। स्थिति सामान्य हुई तो प्रतिबंध धीरे-धीरे हटाए गए। दूसरी लहर के दौरान अप्रैल 2021 में फिर लॉकडाउन लगा तो वर्क फ्रॉम होम का आदेश जारी हो गया। इसे मई 2021 में हटाया गया। उसके बाद काफी दिनों तक एक तिहाई उपस्थिति के साथ कार्यालयों का संचालन हुआ।

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