अर्णब मामला: शरद पवार के साथ वायरल हुई इस महिला की तस्वीर, लोग बोले- मिलकर रची गई साजिश!
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने बुधवार ( 4 नवम्बर, 2020 ) को सुबह लगभग साढ़े 6 बजे उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने बंद केस में अर्नब की गिरफ़्तारी हुई। अर्नब पर 2018 में एक अन्वय नाइक और उनकी मां को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप है।
अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी के बाद अन्वय नाइक की पत्नी और बेटी मीडिया के सामने आयी और कहा कि हमें भी इंसाफ चाहिए, अब अन्वय नाइक की पत्नी और बेटी की तस्वीर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ वायरल हो रही है. इस तस्वीर के वायरल होने के बाद लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं।
खेल का असली मास्टरमाइंड! इंटीरियर डिजाइनर की हंसती हुई फैमिली जब शरद पवार से मिलकर बाहर निकली, अर्णव गोस्वामी को फंसाने का व्यूह रचा जा चुका था। वोहरा कमेटी में दर्ज है इस व्यक्ति का 'असली' चेहरा। pic.twitter.com/6266HMX8MG
— संदीप देव #SandeepDeo (@sdeo76) November 5, 2020
दावा किया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही शरद पवार और अन्वय नाइक की पत्नी-बेटी की तस्वीर दो दिन पुरानी है, हालाँकि बेस्ट हिंदी न्यूज़ इस तस्वीर के सच्चाई और समय की पुष्टि नहीं करता। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि अन्वय का परिवार शरद पवार से मिला और वहीं से अर्नब को फंसाने की साजिश रची गई।
I really want to thank Maharashtra police that this day has come in my life. I kept a lot of patience. Although my husband and mother-in-law will not come back with this but they are still alive for me: Akshita Naik, wife of late Anvay Naik on Arnab Goswami's arrest#Maharashtra pic.twitter.com/obtlLPhz0n
— ANI (@ANI) November 4, 2020
इसके बाद आनन्-फानन में बिना समन के मुंबई पुलिस अर्नब गोस्वामी के घर पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। शरद पवार और मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं है. महाराष्ट्र में इस समय शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार चल रही है। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क और महाराष्ट्र सरकार के बीच चल रही तनातनी किसी से छिपी नहीं है. रिपब्लिक के खिलाफ मुंबई पुलिस के पिछले कुछ दिन के घटनाक्रम को देखा जाय तो तस्वीर सीसे की तरह साफ़ हो जायेगी।
मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पहले अर्नब गोस्वामी को टीआरपी घोटाले में फँसाने की कोशिश की, लेकिन इसके कोई सबूत नहीं दे पाए. इसके बाद पुलिस ने रिपब्लिक के 1000 मीडियाकर्मियों पर एफआईआर दर्ज कर दिया। मीडिया हाउस के टॉयलेट पेपर से लेकर कर्मचारियों के सैलरी तक की जानकारी मांगी। इन सब में कोई खामी नहीं निकली तो पुराना बंद केस खोल दिया, बिना अदालत की इजाजत के।