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कबीर धर्मस्थान खरसिया में पंथश्री हुजूर मुकुंदमणिनाम साहेब स्मृति महोत्सव व एकोत्तरी चौका आरती महायज्ञ का भव्य शुभारंभ

एकोत्तरी आरती में विराजमान होंगे 101 महंत साहेबान

डिग्री लाल सिदार@खरसिया ।कबीर धर्मस्थान खरसिया में आयोजित तीन दिवसीय मुकुंदमणिनाम साहेब स्मृति महोत्सव व एकोत्तरी चौका आरती महायज्ञ 3 से 5 फरवरी आयोजित है जिसके प्रथम दिवस सदगुरु कबीर साहेब का मंदिर एवं पंथश्री हुजूर मुकुंदमणिनाम साहेब स्मृति सत्संग भवन का उद्घाटन एवं सदगुरु कबीर साहेब एवं गुरु धनी धर्मदास साहेब की मूर्ति-प्रतिष्ठा पंथश्री हुजूर अर्धनाम साहेब के कर कमलों द्वारा हुआ।

इस अवसर पर कबीर सहस्त्रनाम का पाठ बंगलूरु, कर्नाटक के महंत श्री जगन्नाथ साहेब के द्वारा किया गया। इसके अलावा स्मृति भवन के मुख्य गुम्बद पर कलश स्थापना, ध्वजारोहण भी पंथश्री हुजूर अर्धनाम साहेब के कर कमलों द्वारा हुआ।
बता दें कि कबीर धर्म नगरी खरसिया में पंथश्री हुजूर मुकुंदमणिनाम साहेब स्मृति महोत्सव व एकोत्तरी चौका आरती महायज्ञ का आयोजन किया गया है जहां आचार्यगद्दी धर्मस्थान में उपस्थित पूर्व आचार्य साहेबों की समाधियों की पूजा वर्तमान पंथश्री हुजूर अर्धनाम साहेब एवं धर्माधिकारी श्री सुधाकर दास शास्त्री साहेब एवं उपस्थित संतो महंतों और भक्तों द्वारा की गई।


इसके उपरांत मुख्य आयोजन स्थल का उद्घाटन पंथश्री हजूर अर्धनाम साहेब द्वारा ध्वजारोहण एवं आयोजन स्थल पर निर्मित मंदिर में पूजा करके किया। इस दिन तीन दिवसीय आयोजन का शुभारंभ आचार्य पंथश्री हजूर अर्धनाम साहेब, माननीय श्री चरण दास जी महंत अध्यक्ष, विधानसभ (छत्तीसगढ़), राजेश्री महंत रामसुंदर दास जी, महामंडलेश्वर, अध्यक्ष, गौ सेवा आयोग, दूग्धाधारी मठ, रायपुर छत्तीसगढ़, आचार्य श्री सूर्यनारायण दास जी महाराज, आद्यजागनीपीठाधीश्वर जगतगुरु, सूरत (गुजरात) आचार्य श्री मंगल साहेब जी, कबीर मठ नादिया, राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)- द्वारा दीप प्रज्वलन करके किया गया।
आचार्यगद्दी कबीर धर्मस्थान खरसिया के पीठाधिश्वर पंथश्री हजूर अर्धनाम साहेब ने आयोजन में उपस्थित सभी संतो, महंतों और भक्तजनों का स्वागत किया और कहा कि आचार्यगद्दी कबीर धर्मस्थान खरसिया का जिस संकल्प के साथ निर्माण हुआ-सदगुरु कबीर साहेब के कथन के अनुकूल धर्मदासिय परंपरा की पीढ़ियां चली और तेहरवीं पीढ़ी के बाद नादवंश आचार्यगद्दी की स्थापना हुई, ये केवल संयोग नहीं था, इसमें सदगुरु कबीर साहेब की शब्द की ताकत थी क्योंकि वचन की ताकत के बिना बयालिस वंश का उद्भव नहीं हो सकता। उस बयालिस वंश का नादवंश का भी अवतरण होता है। धर्मदसीय नादवंश परंपरा के आचार्य ग्रंथमणि नाम साहेब तथा पंथश्री हजूर प्रकाशमणिनाम साहब ने नादवंश परंपरा के बीज को रोपा जो कुछ काल के बाद पल्लवित हुआ जिसका जतन और ख्याल पंथश्री हजूर उदित नाम साहेब एवं पंथश्री हजूर मुकुंदमुणिनाम साहेब ने रखा और आज इस रूप में नादवंश के वृक्ष के नीचे आप विराजमान हैं।

विश्व में शांति स्थापित करना है तो कबीर साहेब के संदेश पर चलना होगा-डां.चरण दास महंत

पंथश्री हुजूर मुकुंदमणिनाम साहेब स्मृति महोत्सव व एकोत्तरी चौका आरती महायज्ञ के उद्घाटन समारोह में उपस्थित चरणदास महंत अध्यक्ष विधानसभा (छत्तीसगढ़) ने कहा कि यदि विश्व में शांति स्थापित होना है तो कबीर साहेब के संदेश पर चलना होगा तथा ये मेरा-आपका हम सभी के दायित्व है इस कारण सदगुरु कबीर साहेब का संदेश विश्व में फैलाएं और सभी एक दूसरे व्यक्ति का सम्मान करें और साथ, सहयोग के साथ आगे बढ़ें। धर्माधिकारी साहेब ने पंथश्री हुजूर मुकुंदमणिनाम साहेब को याद करते हुए कहा कि वह बहुत सरल, स्वभाव एवं स्पष्टवादी थे। उनके जीवन में त्याग था, तपस्या थी, साधुता थी, उन्होंने संस्था के विकास के लिए अनेक कार्य किया। कबीर धर्मस्थान आश्रम का जो स्वरूप है उसका श्रेय बहुत हद तक मुकुंदमणिनाम साहेब को जाता है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में क्षेत्र के लोगों ने अभूतपूर्व सहयोग प्रदान कर रहे हैं जिससे यह स्मृति महोत्सव कार्यक्रम सफल सम्पन्न होगा।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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