कम्पनी और आस पास के क्षेत्र के कामगार कई वर्षों से आवाजाही करते हैं
और कई हादसे हो चुका है फिर भी जल्दबाजी में लोग जान जोखिम में डालकर रेलवे पुल एवं ट्रैक से आ-जा रहे हैं।
आरपीएफ और जीआरपी कभी भी अभियान चलाकर रेलवे यात्रियों को अवैध रूप से ट्रैक पार करने से रोकती नहीं है। इस कारण लापरवाही हर रोज बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को ऐसे ही खम्भा नम्बर 609-32-34के मध्य एक हादसे में माण्ड नदी पुल पार करने के दौरान बड़े डुमरपाली त्रिलोचन डनसेना, लक्ष्मी नारायण साइकिल से माण्ड नदी रेलवे पुल पार कर रहे थे, 06:46बजे तभी पुल पर हीराकुंड एक्सप्रेस ट्रेन के आ गई। जिससे बचने की कोशिश में त्रिलोचन डनसेना ट्रेन के चपेट में आ गया वहीं छोटा भाई लक्ष्मी नारायण डनसेना बच गया।
लक्ष्मी नारायण ने बताया कि उसका बड़ा भाई ट्रेन की चपेट में आ गया और उनका मौत हो गया।
माण्ड नदी अपनी उफान पर है रात के अंधेरे में ग्रामीणों के साथ खरसिया थाना प्रभारी नन्द किशोर गौतम ने काफी खोजबीन किए परन्तु त्रिलोचन डनसेना नहीं मिल पाया।
मामले में बताया गया कि मुम्बई हावड़ा मुख्य रेलमार्ग पर माण्ड नदी पर बने पुल को पार दर्रामुडा, बड़े जामपाली आसपास के लोग आवाजाही करने के लिए हर दिन लोग इस पुल का ही इस्तेमाल करते हैं। शुक्रवार को भी ऐसी स्थिति थी, लोग रेलवे पुल पार कर रहे थे।
उनमें मृतक साइकिल सवार भी शामिल था। इसी दौरान भुपदेवपुर से राबर्टसन स्टेशन की ओर जा रही हीरा कुंड एक्सप्रेस के रेलवे पुल में प्रवेश करते ही राहगीर एवं रेलवे ट्रैक पार कर रहे लोग इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान साइकिल सवार लक्ष्मी नारायण डनसेना को त्रिलोचन डनसेना आवाज देकर पटरी से हटने के लिए कहा परन्तु स्वयं इसी दौरान साइकिल सहित हीराकुंड एक्सप्रेस ट्रेन के चपेट में आ गया।
रोक के बाद भी रेलवे पुल पर ट्रैक से लोग कर रहे आवागमन-अनिल कुमार चंदेल
दर्रामुड़ा समपार और राबर्टसन रेलवे स्टेशन के बीच माण्ड नदी पर नया रेलवे पुल का निर्माण कराया गया है। इस रेलवे पुल के दोनों किनारे मात्र डेढ़ से दो फीट चौड़ा रास्ता बनाया गया है। रेलवे ने इस पुल पर आम लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है माण्ड रेलवे पुल के दोनों किनारे प्रतिबंधित एरिया से लोगों का आवागमन रहता है। रेलवे पुल पर रेल पटरी पर भी लोग साइकिल एवं पैदल आते जाते रहते है। हाल यह है कि रेलवे पुल के अप और डाउन पटरी के बीच होकर लोग हर दिन साइकिल से और पैदल आवागमन करते हैं। ट्रैक मेन ने बताया की अफरातफरी उस समय मच जाती है जब कोई भी ट्रेन रेलवे पुल में प्रवेश करता है। उस समय पटरी पर चल रहे लोग इधर-उधर भागने लगते हैं। यह कभी भी हादसा का कारण बन जाता है।
खरसिया थाना प्रभारी नन्द किशोर गौतम ने बताया कि घटनाक्रम कि टेलिफोनिक जानकारी मिलने पर घटनास्थल रेलवे पुल के आसपास पता तलाश पर खुन के छीटें मौजूद हैं।
उपरोक्त तथ्यों से उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुए डी डी आर एफ टीम को सूचना भेजा गया है कल माण्ड नदी में खोजबीन किया जावेगा…