समूह को मछली पालन विभाग उन्नत किस्म का रोहू, कतला एवं मृगल मछली बीज 50 प्रतिशत के अनुदान पर दिया गया है। समूह के द्वारा एक साल में करीब 10 हजार मछली बीज संचयन किया गया है। मार्च-अप्रैल माह में समूह द्वारा प्रत्येक सप्ताह मत्स्याखेट कर 160-180 रूपए प्रति किलो की दर से मछली विक्रय किया जाता है। जिससे समूह को 70-80 हजार से अधिक का सलाना आय अर्जित हो रही है। समूह की श्रीमती लक्ष्मी देहरी बताती है समूह की सदस्यों द्वारा अन्य कार्यो के बाद शेष समय में यह कार्य किया जा रहा है।
जिससे अच्छी आय हो रही है, समूह के आय को बढ़ाने के लिए महिलाओं द्वारा गांव के छोटे तालाबों में मछली पालन को विस्तार देने पर विचार किया जा रहा है। जिससे समूह की आय में वृद्धि के साथ समूह को अधिक लाभ हो सके। समूह की महिलाओं का कहना है कि आज शासन की योजना के फलस्वरूप समूह की सभी महिलाओं के पास वैकल्पिक कार्य के आलावा स्वयं का कार्य है। जिससे आय अर्जित कर घर संचालन करती है। समूह की महिलाओं के कार्यो के फलस्वरूप आज गांव की महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई और अन्य आयमूलक कार्यो में रूचि लेने लगी है।