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एफसीआई में फर्जीवाड़े पर आरटीओ की जांच शुरू… क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने एफसीआई से मांगी जानकारी,ट्रांसपोर्टर को भी जाएगा नोटिस….

रायगढ़। आपके पास गाड़ी के कागजात नहीं हैं या लाइसेंस भूल गए हों, तो आरटीओ कोई मुरव्वत नहीं करता। आपको चालान भरना ही पड़ेगा, लेकिन एफसीआई में चल रहे फर्जीवाड़े पर परिवहन विभाग मौन रहता है। इस बार क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने एक ही नंबर की दो गाडिय़ों वाले मामले में जांच शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि दूसरी गाड़ी या तो चोरी की है या उसका टैक्स बकाया है।

भारतीय खाद्य निगम गुणवत्तापूर्ण चावल उपार्जन और कड़े नियमों के कारण जाना जाता है। हकीकत इससे कुछ अलग है। एफसीआई के दो डिपो में एक ही नंबर की दो गाडिय़ों की एंट्री और चावल परिवहन का मामला पकड़ा गया था। एफसीआई के अफसरों ने तो परिवहन ठेकेदार और गाड़ी मालिक को बचाने में अपनी पूरी ताकत लगा दी। अब इस गड़बड़ी पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की नजर पड़ गई है। एक ही नंबर दो गाडिय़ों में पाया जाना बहुत बड़े फर्जीवाड़े की ओर इशारा कर रहा है। संभवत: ऐसा पहली बार नहीं हुआ होगा। इसलिए ट्रांसपोर्टर ने बेझिझक इसे अंजाम दिया। अब आरटीओ ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।

एफसीआई में चल रहे वाहनों में इस तरह की घटना को सामान्य नहीं माना जा सकता। आरटीओ ने गाड़ी क्रमांक सीजी 15 एएन 9047 की पूरी डिटेल निकालकर संबंधित गाड़ी मालिक को नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है। एफसीआई से भी इस बाबत पूछताछ की जाएगी। दोनों गाडिय़ों की पहचान कर इसके पीछे चल रही असली साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा। कई सालों से टैक्स बकाया होने पर ऐसी गाडिय़ों को चलाने के लिए भी दूसरी नंबर प्लेटों का इस्तेमाल किया जाता है। अनफिट गाडिय़ों में भी ऐसा किया जाता है।

इस मामले में खरसिया एफसीआई डिपो मैनेजर प्रतीक श्रीवास्तव, इंचार्ज रितुराज और चंदन कुमार की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। सख्त कार्रवाई के बजाय मामले को दबा दिया गया। गाड़ी खरसिया के ही किसी मनीष अग्रवाल की बताई जा रही है।

अनफिट और बिना कागजात की गाडिय़ों से चावल ढुलाई

एफसीआई खरसिया में ट्र्रांसपोर्टर कई ऐसी गाडिय़ों को चला रहे हैं, जिनका लाखों का टैक्स बकाया है। पुरानी अनफिट गाडिय़ां भी बिना कागजात के डिपो से रैक प्वाइंट तक सरपट दौड़ रही हैं। परिवहन विभाग की उडऩदस्ता टीम इधर झांकती भी नहीं है। कई बार एक ही नंबर को दो गाडिय़ों में चिपकाकर चावल ढुलाई कर ली जाती है। ये गाडिय़ां या तो बकाया टैक्स वाली होती हैं या इनके कागजात सही नहीं होते। इस काम में खरसिया के ही कई ट्रांसपोर्टर लगे हैं।

क्या कहते हैं दुष्यंत

एक ही नंबर की दो गाडिय़ों से चावल परिवहन का मामला मेरी नजर में आया है। एफसीआई और ट्रांसपोर्टर दोनों से पूछताछ करेंगे। गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई करेंगे – दुष्यंत रायस्त, आरटीओ

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