
रायगढ़। कथक के रायगढ़ घराने को राष्ट्रीय पटल पर लाने में यह उनका सराहनीय योगदान है। अपनी इस प्रस्तुति में उन्होंने मुख्य रूप से महाराज चक्रधर सिंह द्वारा रचित शिवतांडव आमद, मधुकनी, किन्नर ताण्डव उपोदघात, राधा गौरी लास्य, चमक बिजली (त्रिचक्री परण), कलरव, त्रोटक बादल बिजली पक्षी आदि विशिष्ट बोलों की प्रस्तुति दी।

उनकी इस प्रस्तुति में सहायक रहे- रवीन्द्र ठाकुर (तबला), किशन कुमार बेन (हारमोनियम), ज़िकी रॉय (वॉयलिन), सौरभ कुमार पटेल (बाँसुरी), भीमसेन सारथी (पढ़न्त) । छत्तीसगढ़ दूरदर्शन की सुश्री जयश्री देवांगन के माध्यम से यह प्रस्तुति हुई।







