छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने अफसरों को दिया संदेश – गांवों पर ध्यान दें,वे अपने आप में गणतंत्र…

रायपुर । राजधानी के नवा रायपुर के एक प्राइवेट रिसोर्ट में छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसरों के कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेशभर से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफ़सर इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे हैं। राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों के प्रमुख जिम्मेदार अधिकारी इस कार्यक्रम का प्रमुख हिस्सा हैं। 3 दिन तक चलने वाले इस कॉन्क्लेव का 16 अप्रैल को समापन होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अफसरों को गांवों के विकास के लिए विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए।

कार्यक्रम में बतौर अतिथि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए। उन्होंने यहां अधिकारियों के साथ मुलाकात की। अफसरों की बनाई पेंटिंग और फोटोग्राफी की प्रदर्शनी भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देखी। आमतौर पर विभागीय कार्यों में उलझे रहने वाले अधिकारियों के हाथ का हुनर देखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले वाह क्या बात है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब पहुंचे तो छत्तीसगढ़ी बोली में जय जोहार के साथ सभी अफसरों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ी राज्य गीत अरपा पैरी के धार गाया गया। कार्यक्रम का संचालन छत्तीसगढ़ी में ही आईएएस अफसर रानू साहू ने किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इस कार्यक्रम में सूट-बूट में नजर आए। आमतौर पर कुर्ते-पजामे में दिखने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अफसरों के साथ अलग अंदाज में मुलाकात करते हुए नजर आए।

स्वागत के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आईएएस अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा आप गांव में सारी सुविधाएं दीजिये ताकि पलायन ना हो, फिर ग्रामीण गांव से शहर की ओर सिर्फ घूमने आएंगे। गांव उत्पादन का केंद्र बनें और शहर विक्रय का केंद्र बनें। उतना ही उत्पादन करें जितना बिक सके। इतिहास बताता है कि छत्तीसगढ़ पुरातन काल का, करीब 2000 साल पहले का बड़ा व्यापारिक केंद्र था। गांवों में सारी योजनाएं सही तरीके से लागू होंगी, ग्रामीणों को लाभ मिलेगा तो यहां के गांव फिर व्यापारिक केंद्र बनेंगे।

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