जंगल को जलते देख सीसीएफ ने डीएफओ के साथ बुझाई आग
रायपुर । वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा प्रदेश के वन क्षेत्रों में अग्नि से सुरक्षा हेतु निरंतर निगरानी रखी जा रही है। इस तारतम्य में विगत दिवस मुख्य वन संरक्षक सरगुजा अनुराग श्रीवास्तव के नेतृत्व में वन मंडलाधिकारियों के साथ वन क्षेत्र का सघन भ्रमण कर मौके पर जंगल में लगी आग को बुझाने में स्वयं दल के साथ जुटे रहे। साथ ही वन क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा हेतु आवश्यक समझाइश भी दी जा रही है।
मुख्य वन संरक्षक श्रीवास्तव के दल द्वारा विगत दिवस सरगुजा के लुण्ड्रा परिक्षेत्र के हाथी प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया गया। वहां महुआ एकत्र कर रहे ग्रामीणों को वनों में आग न लगाने की समझाइश दी गई। इसके पश्चात बलरामपुर के राजपुर परिक्षेत्र में लगी आग को दल द्वारा तत्परता से पहल करते हुए आग को बुझाया गया। इस दौरान डीएफओ सरगुजा पंकज कमल तथा डीएफओ बलरामपुर विवेकानंद झा भी उपस्थित थे। मुख्य वन संरक्षक श्रीवास्तव द्वारा वन क्षेत्र में भ्रमण के दौरान रामानुजगंज रोपनी का भी निरीक्षण किया गया और वहां विभागीय अमले को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
गौरतलब है कि वन विभाग द्वारा वनों की अग्नि से सुरक्षा हेतु किए गए प्रबंध के तहत प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय अरण्य भवन रायपुर में कन्ट्रोल रूम मंह टॉल फ्री नम्बर 18002337000 स्थापित किया गया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति अग्नि घटनाओं की सूचना दे सकते हैं। इसी तरह समस्त वनमंडलों में भी वनमंडल कार्यालयों में अग्नि सुरक्षा हेतु कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से अग्नि घटनाओं की सतत् निगरानी की जा रही है।
वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अग्नि सीजन 15 फरवरी से प्रारंभ हो गया है तथा 15 जून तक वनों को अग्नि से बचाना विभाग की प्राथमिकता में है। अग्नि से जहां एक ओर प्राकृतिक पुनरूत्पादन के पौधे नष्ट हो जाते हैं वहीं दूसरी ओर वृक्षों की काष्ठ की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। अतएव वनों को अग्नि से बचाव अत्यंत आवश्यक है। अग्नि सुरक्षा हेतु समस्त वनमंडलों में अग्नि रेखाओं की कटाई, सफाई, जलाई की जा चुकी है। वन क्षेत्रों में अग्नि से सुरक्षा हेतु कैम्पा मद से समस्त बीटो में एक-एक अग्नि रक्षक की नियुक्ति की गई है। वनों में लगने वाली आग को बुझाने हेतु कर्मचारियों को आधुनिक उपकरण फायर ब्लोअर उपलब्ध कराया गया है।