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कोरबा (उरगा) से धर्मजयगढ़ तक रेलवे लाईन बिछाए जाने के लिए …

  • कोरबा (उरगा) से धर्मजयगढ़ तक रेलवे लाईन बिछाए जाने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे एवं छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड के मध्य कन्शेसन एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर
  • “रेल कॉरीडोर की परियोजना छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड के द्वितीय चरण (फेस-।।) के तहत कोरबा (उरगा) से धर्मजयगढ़ तक 62.5 किलोमीटर की नयी रेलवे लाईन का निर्माण किया जाएगा”
  • “इस परियोजना के पूर्ण होने से छत्तीसगढ़ के सूदूर अंचलों में यातायात व माल ढुलाई को मिलेगा बल”

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा (उरगा) से धर्मजयगढ़ तक रेलवे लाईन बिछाए जाने के लिए आज दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय, बिलासपुर में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे एवं छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) के मध्य कन्शेसन एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर किए गए । इस अवसर पर आलोक कुमार महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, छत्रसाल सिंह, प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक वाई.के.चौधरी, मुख्य परिचालन योजना प्रबंधक, मनोज कुमार प्रसाद, चेयरमेन सीईआरएल एवं सीडब्ल्यूआरएल सह एसईसीएल के निदेशक तकनीकी, जे.एन. झा सीईओ सीईआरएल, अंकुश गुप्ता ईडी इरकॉन तथा डायरेक्टर सीईआरएल व दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे तथा छत्तीसगढ़ ईस्ट रेल लिमिटेड के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे ।

इस एग्रीमेन्ट के बाद कोरबा (उरगा) से धर्मजयगढ़ तक लगभग 62.5 किलोमीटर की नयी रेलवे लाईन के विकास का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा । उपरोक्त एग्रीमेन्ट के जरिए छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड लगभग 30 वर्षों तक ढुलाई राजस्व भारतीय रेल के साथ शेयर करेगी जिसके एवज में रेल व्यवस्था का संचालन, रख-रखाव तथा निर्माण उपलब्ध कराया जाएगा । छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड कम्पनी को ’स्पेशल पर्पस व्हीकल’ (एसपीवी) माडल पर विकसित किया गया है तथा इसमें एसईसीएल के साथ-साथ ईरकॉन इन्टरनेशनल लिमिटेड व छत्तीसगढ़ शासन के छत्तीसगढ़ स्टेट इन्डस्ट्रियल डेव्हलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड की सहभागिता है । लगभग 1700 करोड़ रूपये की संभावित लागत से विकसित की जा रही ईस्ट रेल कॉरीडोर परियोजना मार्च 2025 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है ।

छत्तीसगढ़ के सूदूर अंचलों में यातायात व माल ढुलाई के लिहाज से यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है । इस परियोजना से जुड़े भूमि अधिग्रहण का अधिकतम कार्य पूरा कर लिया गया है वहीं वन स्वीकृति भी अग्रिम चरण में है । ईस्ट रेल कॉरीडोर के संचालित होने से एसईसीएल के माण्ड-रायगढ़ कोलफील्ड केप्टिव ब्लॉक तथा कमर्शियल माईनिंग की परियोजनाओं से कोयले के ढुलाई में भी तेजी व सहूलियत आने की आशा है तथा यह प्रोजेक्ट माण्ड-रायगढ़ कोलफील्ड्स एवं वसुन्धरा कोलफील्ड्स में कोयले के डिस्पैच के लिए अतिरिक्त रूट उपलब्ध कराएगा ।

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