एनएमडीसी से 6 गुनी ज्यादा कीमत पर आयरन ओर खरीदेगा बीएसपी, महंगे होंगे स्टील उत्पाद
भिलाई-दल्ली राजहरा की माइंस में आयरन ओर का उत्पादन लगातार घटता जा रहा है।रावघाट माइंस में माइनिंग में हो रहे विलंब को देखते हुए बीएसपी प्रबंधन सेल के झारखंड माइंस के साथ-साथ अब एनएमडीसी के बस्तर माइंस से भी आयरन ओर खरीदेगा ताकि प्लांट की बढ़ती डिमांड को पूरा किया जा सके। बीएसपी में एक्सपांशन प्रोजेक्ट पूरा होने से उत्पादन 4 एमटी से बढ़कर साढ़े 4 एमटी हो गया है। इस हिसाब से आयरन ओर की खपत भी बढ़ गई है।रावघाट माइंस में माइनिंग शुरू करने की योजना इसी हिसाब से बनाई गई थी कि बीएसपी में एक्सपांशन प्रोजेक्ट के पूरा होते ही रावघाट से माइनिंग शुरू कर प्लांट में आयरन ओर की बढ़ी डिमांड को पूरा किया जा सकेे। लेकिन पर्यावरण क्लियरेंस सहित कई तरह की बाधाओं के कारण रावघाट में माइनिंग शुरू होने में अभी भी लंबा समय लगेगा। रावघाट में समय पर माइनिंग शुरू नहीं हो पाने से बीएसपी में आयरन ओर की कमी का प्रबंधन को सामना करना पड़ रहा है। इसके कारण उसे एनएमडीसी से संपर्क करना पड़ा। बताया गया कि उससे आयरन ओर की खरीदी के लिए प्रबंधन ने अनुबंध भी कर लिया है, जिसके बाद बस्तर से आयरन ओर की सप्लाई जल्द शुरू किए जाने की तैयारी है।4 हजार रु प्रति टन मिलेगा आयरन ओरबीएसपी को एनएमडीसी से आयरन ओर मार्केट दाम पर खरीदे जाने की स्थिति में प्रति टन 6 गुना अतिरिक्त भुगतान करना होगा। बताया गया कि दल्ली राजहरा से बीएसपी को आयरन ओर 600 रुपए प्रति टन लागत आ रही है। वहीं एनएमडीसी से खरीदी करने पर उसे 4 हजार रुपए टन के हिसाब से भुगतान करना होगा। जिससे प्लांट में इस्पात का उत्पादन लागत बढ़ेगी।7 रैक आयरन ओर की सप्लाईबीएसपी की कैप्टिव माइंस दल्ली राजहरा से आयरन ओर की सप्लाई की जाती है। डिपॉजिट घटने की वजह से यहां के आयरन ओर की क्वालिटी कमजोर हो गई है। वहीं उत्पादन भी घटता जा रहा है। बीएसपी प्रबंधन ने माइंस प्रबंधन से 9 रैक प्रतिदिन आयरन ओर सप्लाई किए जाने की डिमांड रखी है जबकि वहां से सात रैक की ही सप्लाई हो पा रही है।उत्पादन बढ़ाने के लिए कर्मियों को अतिरिक्त भुगतानबीएसपी प्रबंधन ने उत्पादन बढ़ाने के लिए दल्ली राजहरा माइंस के कर्मियों को प्रोत्साहित करने डेली रिवार्ड स्कीम की राशि भी बढ़ा दी है। पहले टार्गेट हासिल करने पर प्रतिदिन 65 रुपए स्कीम के तहत भुगतान किया जा रहा था। यूनियनों की मांग पर प्रबंधन ने इसे बढ़ाकर प्रतिदिन 100 रुपए का कर्मियों को भुगतान करने का निर्णय लिया है। स्कीम 15 नवंबर से शुरू हो चुकी है।हर साल 110 लाख टन आयरन ओर की डिमांडबीएसपी में इस्पात की उत्पादन क्षमता 7.5 एमटी यानि 75 लाख टन है। एक टन इस्पात उत्पादन के लिए डेढ़ टन आयरन ओर की जरूरत होती है। इस तरह प्रबंधन को हर साल करीब 110 लाख टन आयरन ओर की डिमांड है। इसके एवज में राजहरा से 50 से 70 प्रतिशत की आपूर्ति कर पा रहा है। जिसके कारण प्रबंधन की अन्य स्रोतों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है।राजहरा के आयरन ओर की उत्पादन लागत बढ़ना तयदल्ली राजहरा में आयरन ओर की उत्पादन लागत बढ़ना तय माना जा रहा है। क्योंकि माइनिंग को लेकर जीएसटी में वृद्धि की गई है। इसके अलावा कंपनी में अधिकारियों-कर्मचारियों का वेज रिवीजन होने के बाद आयरन ओर के उत्पादन लागत में इजाफा किया जाना है। बताया गया कि इन सब कारणों से प्रति टन 50 से 100 रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है।