वायरल आदेश पत्र 1045स्थापना3/2021-22दिनांक16-09-2021 को दो आदेश
वायरल हो रहा आदेश पत्र को प्रमाणित हमारी टीम नहीं कर रहा ….
जिले के खरसिया ब्लॉक से शिक्षा विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है. कहीं बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, तो कहीं चंद बच्चों की उपस्थिति वाले स्कूलों में जरुरत से ज्यादा शिक्षकों को तैनात कर दिया गया है.
शिक्षा विभाग में अटैचमेंट का खेल चल रहा है. जिसके कारण एकल शिक्षकिय रानीसागर,मा शाला रजघट्टा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों का भविष्य दांव पर है.
जिस स्कूल में कम बच्चे हैं वहां शिक्षकों की संख्या ज्यादा है. जबकि ग्रामीण अंचल के स्कूलों में लगातार शिक्षकों की कमी होते जा रही है. खरसिया बी ओ बहुत ही नेक दिल व्यक्तित्व के धनी है परन्तु अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में सफल नहीं दिख रहे हैं हम यूं ही आरोप प्रत्यारोप नहीं लगा रहे हैं जो वायरल हुआ है उनके कार्यालय के
आदेश पत्र क्रमांक 1045स्थापना3/2021-22दिनांक16-09-2021 को एक ही आदेश क्रमांक पर दो भिन्न भिन्न आदेश एकल शिक्षक की प्राथमिक शाला माध्यमिक शाला में शिक्षा पूर्ति होते तक के लिए कॉलम नंबर दो अंकित शालाओं में वैकल्पिक अध्ययन हेतु निर्देशित किया जाता है उच्च कार्यालय से पद पूर्ति होने पर स्वतह निरस्त माना जाएगा। क्रमांक 1 प्राथमिक शाला तेलीपारा परसकोल से श्री महेश कुमार चंद्रा स शि एल बी प्राथमिक शाला बगबुडवा(विगत कई वर्षों से व्यवस्था मे)
आदेश पत्र क्रमांक 1045स्थापना3/2021-22दिनांक16-09-2021 क्रमांक 1 पर प्राथमिक शाला तेलीपारा परसकोल से श्रीमती चंद्रकला गवेल स शि एल बी प्राथमिक शाला बरगढ़ दो अलग-अलग आदेश एक ही आदेश क्रमांक पर जारी होना प्रशासनिक क्षमता को दिखाता है ।
नेक दिल व्यक्तित्व के धनी ए के भरद्वाज बीओ खरसिया के क्षेत्राधिकार अंतर्गत कितने स्कूल में एकल शिक्षक है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है टेलिफोनिक जानकारी में बीओ खरसिया बताए कि उन्हें कोई आज दिनांक तक एकल शिक्षक की जानकारी उपलब्ध नहीं कराया तो उन्हे कैसे जानकारी होगा… छाप लेने से व्यवस्था नहीं होता और छाप लिजिएगा फिर हो जाएगा व्यवस्था …
कहीं न कहीं मजबूत पकड़ के वजह इस तरह के गैर जिम्मेदारी पू्र्ण बाते कर बच्चों के भविष्य के प्रति खिलवाड़ कर रहे विभाग के जिम्मेदार…
जिला शिक्षा अधिकारी आवश्यकता अनुरूप शिक्षकिय कार्य के लिए व्यवस्था किया जाने से शिक्षकों पर अनावश्यक कार्य का दबाव भी कम होगा और बच्चों के पढाई प्रभावित नही होगा.