मोहला-मानपुर-चौकी का मुख्यालय मोहला और सारंगढ़-बिलाईगढ़ का मुख्यालय सारंगढ़ में होगा: मुख्यमंत्री बघेल
जिला मुख्यालय में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के कार्यालय होंगे
मुख्यमंत्री का दोनों जिलों के नागरिकों ने पुष्पमाला और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया अभिनंदन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नवगठित जिला मोहला-मानपुर-चौकी का मुख्यालय मोहला में और सारंगढ़-बिलाईगढ़ का मुख्यालय सारंगढ़ में होगा। उन्होंने कहा कि नए जिले के मुख्यालय में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के कार्यालय होंगे। इसके साथ ही साथ मानपुर और चौकी और बिलाईगढ़ में भी कुछ विभागों के कार्यालय प्रारंभ होंगे। मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में नवगठित मोहला-मानपुर-चौकी और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से आए नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नए जिले बहुत जल्द अस्तित्व में आएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोनों जिलों के नागरिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोहला-मानपुर-चौकी,सारंगढ़-बिलाईगढ़ अब विकास के रास्ते पर बढ़ चले हैं। नया जिला बनने से प्रशासन और क्षेत्र के नागरिकों के बीच दूरी मिट जाएगी। शासकीय कार्यालय खुलेंगे। लोगों को और बेहतर ढ़ंग से शासन की योजनाओं का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा पिछले ढ़ाई वर्ष में 5 नए जिले बनाए हैं, इससे अब प्रदेश में जिलों की संख्या 27 से बढ़कर 32 हो गई है तथा तहसीलों की संख्या बढ़कर 222 हो गई है। नया जिला और तहसीलें बनने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अपने कार्यों के लिए काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि पुरखों के सपने को पूरा करने के लिए हम सबको मिलकर सशक्त, सक्षम और समृद्ध छत्तीसगढ़ बनाना है। बघेल ने कहा कि सारंगढ़ को जिला बनाने की मांग 50 साल पुरानी है। क्षेत्र के लोगों ने इसके लिए काफी संघर्ष किया है। सारंगढ़ किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यह बाबा गुरूघासी दास की तपोभूमि है। यहां से काफी नामी-गिरामी हस्तियां रही है। जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री एवं सारंगढ़ के राजा नरेश चंद्र और ब्यूरोक्रेट शरद चंद्र बेहार मुख्य हैं। उन्होंने कहा कि सारंगढ़ की छत्तीसगढ़ी बोली-भाषा बहुत मीठी है। उन्होंने कहा कि वे जब भी सारंगढ़ जाते थे, तब एक ही मांग आती थी कि सारंगढ़ कब जिला बनेगा।
मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हुए उक्त दोनों नवगठित जिलों के लोगों ने कहा कि वर्षों पुरानी मांग को उन्होंने पूरा कर ऐतिहासिक सौगात दी है। इस मौके पर दोनों ही जिलों के नागरिकों ने पुष्पमाला और स्मृति चिन्ह भेंट कर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। दोनो नवगठित जिलों से आए नागरिकों ने कहा कि नए जिलों की घोषणा से क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। नया जिला बनने से शासन की योजनाएं जमीनी स्तर तक पहुंचेंगी। समाज के अंतिम व्यक्ति को भी योजनाओं का लाभ सहजता से मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और दूरदर्शिता के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
नागरिकों ने कहा कि 15 अगस्त को जब नए जिलों की घोषणा हुई तो मोहला-मानपुर-चौकी और सारंगढ़-बिलाईगढ़ क्षेत्र के नागरिक खुशी से झूम उठे। नागरिकों ने कहा कि मोहला-मानपुर वनांचल क्षेत्र है और विकास के मामले में अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा कमतर हैं। नया जिला बन जाने से अब विकास के कामों में तेजी आएगी। इन दोनों क्षेत्रों के नागरिकों ने जिला बनाने के लिए किए गए संघर्ष और प्रयासों की जानकारी भी दी। मोहला-मानपुर-चौकी जिले के नागरिकों ने इसे आदिवासी जिला घोषित करने और इसे बस्तर संभाग और बस्तर विकास प्राधिकरण से जोड़ने की मांग की। लोगों ने इस मौके पर मुख्यमंत्री को उनके जन्म दिवस 23 अगस्त के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी।
संसदीय सचिव और मोहला मानपुर के विधायक इंदरशाह मंडावी ने नए जिले के गठन के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि क्षेत्र की जनता इस ऐतिहासिक सौगात के लिए सदैव आभारी रहेगी। उन्होंने कहा कि नया जिला बनने से वनांचल क्षेत्र में विकास कार्याें को गति मिलेगी। सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े, पूर्व विधायक श्रीमती पद्मा घनश्याम मनहर और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि श्री अरूण मालाकार ने सारंगढ़ को जिला बनाने के लिए आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, पूर्व विधायक गोवर्धन नेताम और श्रीमती तेजकुंवर नेताम सहित दोनों जिलों से आए बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, पूर्व विधायक गोवर्धन नेताम और श्रीमती तेजकुंवर नेताम सहित दोनों जिलों से आए बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।