
संगीत और योग दोनों ही साधना है- गीतकार संतोष शर्मा
रायगढ़-संगीत केवल मनोरंजन नहीं, अपितु संगीत का संबंध मन की संवेदनाओं से है कभी संगीत हंसाता तो कभी रुलाता है, संयोग मे भी संगीत है और वियोग मे भी संगीत है प्रकृति के हर कण- कण मे संगीत है
चिड़ियों की आवाज मे, बहती हवा पानी मे भी संगीत का सुर है, भारत मे संगीत की परम्परा बहुत पुरानी है योग और संगीत दोनों को ही साधना का नाम दिया गया है, जिस प्रकार योग के द्वारा शरीर को लाभ होता है उसी प्रकार संगीत से मन और शारीरिक संवेदनाएं जागृत होती हैं अब तो चिकित्सा के क्षेत्र मे भी ध्वनि तरंगों के द्वारा उपचार किया जाने लगा है, और म्यूज़िक थैरेपी कारगर भी सिद्ध हो रही है, संगीत और योग का संयोग ही है कि 21 जून को विश्व संगीत दिवस और विश्व योग दिवस एक साथ मनाया जाता है।




