माँ

मौन की शक्ति

🌿🏵️ मौन की शक्ति — ये कथानक श्रीमुख से

🚩🔱 एक साधु अपने शिस्य के साथ एक नदी के इस पार रहा करते थे।इसपार कुछ नहीं था,केवल वह अपनी साधना करते थे और उस शिष्य को भी कराया करते थे। शिष्य को बताया करते थे जीवन के बारे में,जीवन के रहस्य के बारे में कि कैसे जीना है,कैसे रहना है। शिष्य भी उनकी सेवा-व्यवस्था से सम्बंधित अपना सुबह का कार्य पूर्ण कर के भिक्षाटन के लिए नदी के उस पार जाया करता था।नदी के तट पर एक नाविक था – वह एक छोटी सी नाव में पहले शिष्य को बैठा कर पार कराता था।भिक्षाटन करके,लेकर,उसी नाव में बैठकर वह वापस भी चला आता था।यह शिष्य का रोज का क्रम था।अपने गुरूजी की सेवा में उसको देता था,वह भी पाते थे और शिष्य भी भिक्षाटन से आयी इस भिक्षा को प्राप्त करता था।

ऐसे ही करते – करते 🚩एक दिन जब वह पुनः भिक्षाटन के लिए नदी किनारे गया ,वहां पहुँच कर जब वह नाव पे बैठने को हुआ तभी एक दरोगा जी वहां पहुँच गए और कहने लगे कि कोई और नहीं,पहले हम जायेंगे उस पार नाविक ने कहा की नहीं इनका रोज का आना-जाना है पहले इनको छोड़ आता हूँ फिर आपको ले जाऊंगा लेकिन दरोगा नहीं माना गाली-गलौज करते हुए अपने शक्तियों के अहंकार वश जैसा अमूमन होता है बोला कि मै ही पहले जाऊंगा और नाव पे बैठ गया जब बीच मझधार में पहुंचा तो नाव में एक छेद हो गया और नाव डूबने लगी,और दरोगा भी डूबकर मर गया नाविक तैरकर वापस आ गया।

फिर दूसरी नाव से शिष्य को उस पार ले जा कर,लेकर,फिर वापस आया।इस क्रम में वह बिलम्ब से गुरु जी के पास पहुंचा और 🚩 गुरु ने पुछा कि आज इतना बिलम्ब क्यों हुआ ? तब सारी बात शिष्य ने बताई इस पर गुरु ने पुछा कि –🥀 जब दरोगा तुम्हे गालियों से बौछार कर रहा था तो तुमने कुछ नहीं बोला ? शिष्य ने कहा कि गुरूजी आप ने ही तो कहा है कि कोई कुछ भी बुरा-भला कहे ,कुछ भी कहे पर उसका प्रतिकार मत करना,उसका जवाब नहीं देना।कितनी भी कोई गाली दे .उसको लेना नहीं 🥀

🚩 तब गुरूजी बोले की अरे ! कहा तो था लेकिन तुम अगर कुछ कह देते,बोल देते तो उसकी मौत तो नहीं होती,उसकी जान तो बच जाती । तो यह प्रभाव होता है बंधुओं आपकी चुप्पी का,मौन का 🚩🔱

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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