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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय में महिला अधिवक्ताओं, न्यायालयीन महिला स्टाफ, सरपंच मितानिन सहित पैरालीगल वालिंटियर्स का हुआ सम्मान

रायगढ़ । जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ के अध्यक्ष रमाशंकर प्रसाद के निर्देशानुसार आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला न्यायालय में महिलाओं के लिये एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/प्रभारी सचिव दिग्विजय सिंह के द्वारा उपस्थित सभी महिलाओं को विश्व महिला दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएॅ दीं। इस कार्यक्रम में घरेलू हिंसा की रोकथाम की दिशा में ”हमर अंगना” योजनान्तर्गत कार्यरत टीम सरपंच, मितानिन एवं पैरालीगल वालिंटियर्स को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। साथ ही पुष्प एवं चॉकलेट्स भी भेंट की गई।

विशेष न्यायाधीश मती गिरिजा देवी मेरावी एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायगढ़ मती पल्लवी तिवारी द्वारा महिलाओं के अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि कोरोना अवधि में महिलाओं के प्रति कु्ररता एवं अत्याचार के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। न्यायाधीशगण ने महिलाओं को यह बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस शक्ति का पर्व है, यह हमें याद दिलाती है कि महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिये कितने संघर्ष किये हैं। पहले महिलाओं को कोई अधिकार प्राप्त नहीं था। महिलाओं को संपत्ति पर भी कोई हक नहीं था और न ही मतदान करने का अधिकार था। सन् 1908 में जो महिलाएॅ आई थीं, वे मजदूर संगठन और कार्य के घण्टे के लिये प्रदर्शन की थीं तथा सन् 1909 में यह दिवस मनाया गया, जिसे पूरे विश्व में फैलाया गया और हमें सशक्तीकरण मिली। महिलाओं के हित में किये गये कार्यों के परिणामस्वरूप आज हम यहॉ हैं। अंत में महिला न्यायाधीशगण ने महिलाओं को सकारात्मकता की दिशा में निरन्तर बढ़ते जाने हेतु प्रोत्साहित किया।

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा विश्व महिला दिवस के अवसर पर सभी महिलाओं को शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए यह कहा कि- ”नारी का सम्मान है, जहॉ देश ओैर संस्कृति का उत्थान है वहॉ। उन्होंने नारियों का सम्मान किये जाने पर विशेष बल दिया। महिला एवं बाल विकास विभाग से सखी वन स्टॉप सेन्टर की केन्द्र प्रशासक मती शैलू दीवान के द्वारा महिलाओं को कोई भी समस्या होने पर 181 महिला हेल्प लाइन से सहायता प्राप्त करने के विषय में जानकारी दी गई। भारतीय स्टेट बैंक से शाखा प्रबन्धक अमित चौबे के द्वारा यह बताया कि आज के परिवेश में महिलाएॅ और पुरूष वर्ग दोनों कन्धे से कन्धे मिलाकर अपनी काबिलियत साबित कर रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक की ओर से समस्त महिलाओं को गुलाब के फूल तथा की-रिंग भेंट स्वरूप देकर उनका सम्मान किया गया।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चन्द्रकुमार कश्यप द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस अवसर पर समस्त महिलाओं को शुभकामनाएं देते कहा कि हालॉंकि, महिलाए काफी तरक्की की हैं, लेकिन अभी-भी सामाजिक जटिलताए  और पारिवारिक तालमेल का अभाव है, जिनमें महिलाए  सफर कर रही हैं। आज भी महिलाओं के अधिकार और उनके सेहत की बात करें, तो उनको किनारे कर दिया जाता है। महिलाओं की स्थिति की बात करें, तो वह सबका ध्यान रखती हैं, लेकिन अपना स्वयं का ध्यान नहीं रखती। अन्त में न्यायाधीश कश्यप के द्वारा मध्यस्थता प्रभारी होने की हैसियत से मध्यस्थता के माध्यम से मामलों के निराकरण हेतु मध्यस्थता केन्द्र को सहयोग प्रदान करने की अपील की।

कार्यक्रम में अन्य न्यायाधीशगण में देवेन्द्र कुमार आहूजा, विवेक तिवारी, आदित्य जोशी अपर जिला न्यायाधीश, अंशुल वर्मा, रविकुमार महोबिया, दामोदर प्रसाद चन्द्रा एवं सु आकांक्षा बेक न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में उपस्थित महिला अधिवक्तागण, न्यायालयीन तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीगण, महिला परामर्शदाता परिवार न्यायालय एवं अन्य उपस्थित महिलाओं को पुष्प भेंट किया गया।

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