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कुंभ मेला: आनंद और आह्वान अखाड़े की पेशवाई में उमड़ा हुजूम, साधु-संतों पर हेलिकॉप्टर से बरसे फूल

धर्मनगरी हरिद्वार में कुंभ के अनेक रंग देखने को मिल रहे हैं. कुंभ में सभी अखाड़ों द्वारा भव्य शाही अंदाज में गाजे बाजे और रथ पर सवार होकर मेले में प्रवेश किया जा रहा है, प्रवेश के समय इनके साथ के हाथी घोड़े, ऊंटों पर सवार नागा संन्यासी और भभूत में लिपटे नागा संन्यासी, साधु-संत लोगों में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. सभी अखाड़े पेशवाई के माध्यम से अपनी-अपनी छावनियों में प्रवेश कर रहे हैं.

शुक्रवार के दिन आनंद अखाड़े और आह्वान अखाड़े ने भी अपनी भव्य पेशवाई निकाली. दोनों ही पेशवाई में बड़ी संख्या में नागा संन्यासी और साधु संत लोगों को अपना आशीर्वाद दे रहे हैं. वहीं जगह-जगह साधु संतों का स्थानीय निवासियों द्वारा भव्य स्वागत भी किया जा रहा है. दोनों पेशवाई में सबसे आगे हाथी, उसके बाद ऊंट और उसके बाद नागा साधु इष्ट देव की पालकी और आचार्य महामंडलेश्वर का रथ और उसके बाद अन्य महामंडलेश्वरों के रथ चल रहे हैं. फूलों से आकर्षक ढंग से सजाए गए सभी रथों में चांदी के सिंहासन पर आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर विराजमान हैं. साथ ही बड़ी संख्या में नागा साधु पेशवाई में भगवान शंकर का तांडव करते चल रहे हैं और विभिन्न करतब और अपना बल भी दिखाते हुए, विभिन्न योग क्रिया दिखा रहे हैं.

पेशवाई में बड़ी संख्या में नागा साधुओं के साथ संत भी पैदल चल रहे थे. साथ ही पेशवाई में शामिल संतों पर हेलिकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत भी किया गया. हरिद्वार यूं तो तीर्थ नगरी है पर ऐसा मौका 12 वर्ष बाद तब आता है जब कुंभ होता है और इस बार 11 वर्ष में ही ये अवसर आ गया है. पेशवाई किसी भी अखाड़े के लिए विशेष महत्व रखती है, जिसमें अखाड़ा अपने धनबल और जनबल और समृद्धि वैभव आदि का प्रदर्शन करता है.

शुक्रवार के दिन आनन्द अखाड़े की पेशवाई शाही अंदाज में एसएम जेएन कॉलेज परिसर से शुरू हुई. आनंद अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानन्द महाराज समेत विभिन्न महामंडलेश्वर आकर्षक ढंग से सजे हुए रथों पर चांदी के होदों में बैठकर चल रहे हैं. आनंद अखाड़े की पेशवाई ने बैण्डबाजों के साथ कॉलेज से निकल कर शंकर आश्रम ,सिंह द्वार,कनखल चौक बाजार होते हुए शंकराचार्य चौक शिवमूर्ति वाल्मीकि चौक से होते हुए अपने अखाड़े की छावनी में प्रवेश किया.

पंचदशनाम आह्वान अखाड़े की पेशवाई ने गुघाल मन्दिर परिसर पाण्डेवाला ज्वालापुर से चलकर ज्वालापुर होते हुए रेल चौकी ,आर्यनगर ,शंकर आश्रम, देवपुरा, शिवमूर्ति, वाल्मीकि चौक से हनुमान मंदिर स्थित छावनी में प्रवेश किया. एक तरफ पेशवाई में शामिल बड़ी संख्या में भभूत में लिपटे नागा संन्यासी रास्ते भर लोगों को आशीर्वाद देते चल रहे थे, तो वहीं अनेकों साधु शिव तांडव, योग की क्रिया, लाठी चलाना और बाकी अनेक करतब दिखाते चल रहे थे, जिन्हें देखकर लोग आश्चर्यचकित हो रहे थे.

कुल सात संन्यासी अखाड़ों की पेशवाई निकलनी है, इनमें निरंजनी अखाड़े की पेशवाई सबसे पहले निकली और उसके बाद जूना और अग्नि अखाड़े की पेशवाई निकली. शुक्रवार के दिन आनंद और आह्वान अखाड़े की पेशवाई निकली है ,अब महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई 8 मार्च को और अटल अखाड़े की पेशवाई 9 मार्च को निकलेगी.

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