“मेरे पर्यावरणीय मित्र चौधरी साहब से कहना”…..
केलो कपूत शिव राजपूत की चिट्ठी केलो के नाम
“मेरे पर्यावरणीय मित्र चौधरी साहब से कहना”…..
ऐ मेरी प्राणमयी केलो आई तेरे माध्यम से मेरे पुरातत्व एवं पर्यावरणीय मित्र एल.एन.चौधरी. से कहना-
यह कि भ्रष्टाचार मानव सभ्यता के साथ विकसित हुआ और आदिम युग से आजतक स्थापित है। वहीं नाम रूप बदलकर समाज में फैला हुआ है, लिहाजा इसके स्वरूप को सजाने संवारने व परिमार्जित करने के लिए *भ्रष्टाचार समर्थन संघ बनाने की परिकल्पना की गई है।
यह कि इस हेतु लोगों के सुझाव और सहभागिता सुनिश्चित करने, अभियान की रूप रेखा आदि तैयार करने समुचित प्रयास किये जायें।
यह कि भ्रष्टाचार का विरोध करने के दौर में यह एक नई पहल होगी। जिसमें संघ के द्वारा उत्तम भ्रष्टाचारीयों को फूल एवं प्रशस्ति- पत्र आदि से सम्मानित किया जाएगा। ता कि भ्रष्टाचार को विकृत होने से बचाया जा सके।
प्रस्तावित अभियान से सहमत हों तो तत्काल संपर्क करें। केलो आई इस विषय पर अपने चाहने वालों से भी बात कर लेना और मेरे को बताना।