निजी क्षेत्र की मदद से कोरोना टीकाकरण अभियान बढ़ाएगी केंद्र सरकार, जल्द स्पष्ट होगी नीति
देश में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच केंद्र सरकार टीकाकरण अभियान को हर हाल में गति देना चाहती है। सरकार की कोशिश है कि नई लहर से पहले आवश्यक समूह के ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लग जाए। इसके लिए सरकार निजी क्षेत्र का सहयोग ले सकती है।
सरकार अगले कुछ दिन में निजी क्षेत्र की सहभागिता को लेकर नीति स्पष्ट कर सकती है। इस चरण में 50 से कम उम्र के उन लोगों को भी शामिल किया जाएगा, जिनमें कोरोना संक्रमण फैलने की ज्यादा आशंका है। नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल का कहना है कि निजी क्षेत्र में कोरोना टीकाकरण को काफी बल मिला है।
डॉ. पॉल ने कहा कि मौजूदा समय में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगने वाले टीकों में निजी क्षेत्र मुख्य रूप से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में भारतीय उद्योग परिसंघ ने टीकाकरण में व्यापक निजी क्षेत्र की भागीदारी की अनुमति के लिए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी।
उन्होंने जानकारी दी कि किसी भी दिन लगने वाले दस हजार टीकों में से दो हजार टीके निजी कंपनियों की ओर से लगाए जा रहे हैं। डॉक्टर पॉल ने कहा कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान में निजी क्षेत्र की कंपनियों की भागीदारी आवश्यक है।
40-50 फीसदी टीकाकरण निजी क्षेत्र के जरिए
एक आधिकारिक सूत्र की माने तो अगले चरण में केंद्र सरकार प्रतिदिन 50 हजार लोगों को टीका लगाने की योजना बना रही है। अब तक देश में 1.07 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है। सूत्र की माने तो आने वाले चरण में 40-50 फीसदी टीकाकरण निजी सेक्टर के माध्यम से किया जाएगा।
कोरोना के सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी
इस बीच देश में लगातार पांचवें दिन कोरोना वायरस से इलाज करा रहे मरीजों का आंकड़ा बढ़ा है। अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या डेढ़ लाख के पार चली गई है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 1.10 करोड़ के पार चले गए हैं।