खुले में रखे करोड़ों के धान बारिश से भीग रहे…उठाव को लेकर प्रशासन बेरवाह …
अरबों रुपए की धान खरीदी को लेकर जिम्मेदारों के साथ प्रशासन बेरवाह बना हुआ है। हर साल कैप कव्हर(त्रिपाल) के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी खुले में रखे करोड़ों के धान बारिश से भीग रहे हैं। वहीं धान खरीदी को लेकर प्रशासन का सभी दावा फेल हो गया है। केंद्रों में अव्यवस्था के साथ कैप कव्हर का अभाव बना हुआ है।
कृषि प्रधान जिले में हर साल अरबों रुपए की धान खरीदी की जाती है। इस साल भी बंपर उत्पादन के बाद अरबों रुपए का धान खरीदा गया। इसके बाद भी धान सुरक्षा को लेकर प्रशासन बेरवाह बना हुआ है। केंद्रों में तमाम दावों के बाद भी अव्यवस्था का आलम बना हुआ है। यहां कैप कव्हर के अभाव में धान बारिश में भीग रहे हैं। धान की सुरक्षा को लेकर सभी समितियों में हर साल हजारों रुपए दिए जाते हैं, लेकिन ये रुपए कहां खर्च होते हैं, कभी किसी ने जानने का प्रयास नहीं किया है।
केंद्र प्रभारी प्रबंधक धान उठाव न होने से चिंता में हैं आखिर कैसे इस वर्ष जीरो किया जाएगा। अब तक जिले के खरीदी केंद्रों में लाखो क्विंटल से अधिक धान खरीदी हो चुकी है, जिसमें से केवल कुछ लाख क्विंटल धान का ही परिवहन किया गया है। इससे केंद्रों में खरीदे गए धान के करीब आधा धान रखा हुआ है। मंगलवार की रात हुई बारिश से धान भीगे हैं और बुधवार को भी रूक रूक कर बारिश हो रहा है । मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अभी बारिश के आसार एक दो दिन बने हुए हैं, जिससे धान के भीगने का खतरा बना हुआ है।
नहीं हो रहा निरीक्षण- मुख्यालय आस-पास के केंद्रों में भी धान खरीदी का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है, तो दूरस्थ अंचल का अंदाजा लगाया जा सकता है। अनेक केंद्र मुख्यालय आस-पास है, लेकिन राजस्व विभाग के साथ अन्य प्रभारियों की टीम ने अभी तक दबिश नहीं दी है। कलेक्टर ने जरुर कुछ केंद्रों का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए हैं, लेकिन अन्य अधिकारियों के पास समयाभाव बना हुआ है। मिलरो और ट्रासपोटर के द्वारा नियमित उठाव नहीं होने से आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित के अध्यक्ष, प्रबंधक शार्टेज,सड़न के बोझ तले दबेंगे ,करोडों रुपये का शासन को होगा नुकसान समय रहते उठाव न होने से….