आर्मी चीफ एएम नरवणे बोले-चीन और पाक मिलकर भारत के लिए हो सकते हैं खतरा, सरकार से पूर्वी लद्दाख में तैनात रहने के निर्देश
पाकिस्तान और चीन की दोनों ही मोर्चों पर तनाव झेल रहे भारत को आशंका है कि दोनों देश मिलीभगत कर के भारत के लिए खतरा बन सकते हैं। सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन मिलकर एक ताकतवर खतरा बन सकते हैं और इन दोनों की मिलीभगत की आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य और असैन्य दोनों ही क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है। दोनों मोर्चों वाला यह खतरा ऐसा है जिसके लिए हमें पहले से तैयारी करनी होगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना देश के सामने आने वाले हर खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
आर्मी चीफ ने सीमापार आतंकवाद को लेकर भी पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, वह लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल राजकीय नीति के औजार के रूप में करता आ रहा है। भारतीय सेना आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। हम सीमापार आतंकवाद का मुफीद वक्त पर जवाब देने का अधिकार रखते हैं और हमारा बहुत स्पष्ट रुख है कि हम आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि एक व्यापक रोडमैप तैयार किया गया है जिसके जरिए भविष्य में चुनौतियों का सामना करने के लिए सेना को प्रौद्योगिकी सक्षम बनाया जाएगा।
सेना प्रमुख ने बताया कि लद्दाख ही नहीं समूची उत्तरी सीमा पर भारतीय सेना सतर्क है। सरकार से सेना को पूर्वी लद्दाख में मोर्चे पर तैनात रहने के निर्देश मिले हैं। विभिन्न स्तरों पर चल रही बातचीत से समाधान निकलने की उम्मीद है। वहीं, चीन से नौवें दौर की बातचीत का इंतजार है।
उन्होंने बताया कि सभी उत्तरी सीमाओं पर भारतीय सेना सतर्क है। एलएसी के मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में चीन ने बुनियादी ढांचे का विकास किया है। हम इसपर लगातार नजर रखे हुए हैं और हम भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और खतरों के आधार पर अपनी तैयारियों में बदलाव करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल जो भी हुआ उसे देखते हुए हमें अपनी क्षमताओं में नए सिरे से बदलाव करते हुए उनका विस्तार करना होगा। पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध पर सेना प्रमुख ने कहा- उम्मीद है कि हम सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के लिए एक समझौते पर पहुंच पाएंगे।
उन्होंने बताया, ‘सेना में जुलाई में शुरू होने वाले कोर्स से महिला पायलटों की भर्ती होगी और अगले एक साल के भीतर फ्लाइंग मोर्चे पर महिला पायलट दिखेंगी।’