छत्तीसगढ़रायगढ़

वनोपज आधारित उत्पादों का बढ़ाये प्रोडक्शन व प्रमोशन-कलेक्टर भीम सिंह

रायगढ़ । कलेक्टर भीम सिंह ने आजीविका संवर्धन से जुड़े विभागों की महत्वपूर्ण बैठक ली। उन्होंने कहा कि वनोपज आधारित उत्पाद के निर्माण से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकते है। वर्तमान में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा लघु वनोपज से बने उच्च गुणवत्ता के उत्पाद झाडू, दोना, पत्तल, तेल का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें विशेष रूप से सवई घास से बने घरेलू उपयोग की सामग्रियां भी शामिल है। जिसके लिये यहां एक अच्छा मार्केट तैयार किया जा सकता है। आवश्यकता है इसे सही तरीके से प्रमोट करने की, इसके लिये कलेक्टर सिंह ने कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश वनमंडलाधिकारियों को दिये। समूहों को आर्थिक सहायता के लिये बैंक लिंकेज करवाकर राशि उपलब्ध करवाने के लिये कहा। इसके साथ ही औषधीय गुण वाले पौधों के रोपण तथा व उसके उत्पाद तैयार कर बिक्री के निर्देश दिये।

गौठानों को बनाना है रोजगार केन्द्र
गौठानों को रोजगार केन्द्र के रूप में विकसित करना है और वहां ग्रामोद्योग से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ाना है तथा मल्टी एक्टिविटी सेंटर स्थापित करना है। जिसमें विभिन्न आजीविका मूलक कार्य किये जा सकें।  इसके लिये गौठानों में जगह आरक्षित करते हुये महिला समूहों को इन गतिविधियों से जोडऩे के निर्देश दिये। गौठान स्वावलंबी बने इसके लिये कंपोस्ट की बिक्री बढ़ाये। जैविक खाद के महत्व को किसानों के बीच प्रचारित करे और ऑनलाईन बिक्री हेतु सभी जरूरी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिये। प्रत्येक विकासखण्ड में वर्मी कंपोस्ट की पैकेजिंग के लिये बैग तैयार करने के लिये महिला स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षित करने के निर्देश भी दिये।

उद्योग विभाग महिला समूहों को मुहैय्या कराये आर्थिक सहायता
उद्योग विभाग की योजनाओं के तहत महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने के लिये कहा। इसमें अधिकारियों को फील्ड में जाकर सर्वे कर प्रकरण तैयार करने के निर्देश उन्होंने दिये। महिला समूहों के लिये सामुदायिक बाड़ी में कार्य करने के लिये समूह का चिन्हांकन करें। उत्पादित सब्जियों के विक्रय हेतु जल्द कार्पोरेट टाइ-अप करते जाये जिससे एक अच्छा मार्केट तैयार हो सके। पड़ती भूमि का आबंटन महिला स्व-सहायता समूहों को करें जिससे महिलायें भूमि पर कृषि कार्य कर आजीविका कमा सके। इसके लिये उन्हें आवश्यक संसाधन भी मुहैय्या करवाये। साथ ही बोरवेल व आर्थिक सहायता हेतु बैंक लिंकेज करवायें।

पंचायतों में मछली पालन के लिये आबंटित कराये पट्टा
सभी पंचायतों में निस्तारी के लिये चिन्हित तालाबों के अतिरिक्त तालाबों में मछली पालन के लिये पट्टा आबंटित करें। मनरेगा के तहत तैयार निजी डबरी में भी मछली पालन को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिये। कोदो कुटकी व रागी के उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिये। इसके लिये जिले के उत्पादक समूहों का पंजीयन करवाने के लिये कहा। जवाफूल के ब्रांडिंग व प्रोमोशन के लिये प्लेटफार्म तैयार करने के लिये कहा। साथ ही पैकेजिंग व सप्लाई चेन सिस्टम भी विकसित करने के लिये कहा। जिससे आसानी से ऑनलाईन आर्डर की पूर्ति के साथ बाहर एक्सपोर्ट किया जा सके।

फूलों की खेती, हथकरघा व रेशम धागा उत्पादन को गौठानों से जोड़े  
उद्यानिकी विभाग को फूलों की खेती को बढ़ावा देने के निर्देश दिये। गौठान चिन्हित कर वहां हथकरघा का कार्य प्रारंभ करवाने के लिये कहा। इसके लिये एक प्रपोजल तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। जोबी में रेशम धागे की रीलिंग के लिये मशीनें लगाकर व्यवस्थित तरीके से उत्पादन प्रारंभ करवाने के निर्देश दिये। जिससे रेशम एक्सपोर्ट को प्रोत्साहन मिले। इसे गौठान में लगने वाले रिलींग सेंटर वाले मल्टी एक्टीविटी सेंटर से भी लिंक करें। वन अधिकार पत्र प्राप्त हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं से जोड़ते हुये उन्हें लाभान्वित करने के निर्देश भी उन्होंने दिये।

इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, डीएफओ रायगढ़  प्रणय मिश्रा, डीएफओ धरमजयगढ़  मणिवासगन एस. सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!