किसान दर्ज कराएंगे प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा!
किसान आंदोलन में अब तक 42 किसानों की मौत होने का दावा किया जा रहा है। किसान नेता इन मौतों के लिए केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों को जिम्मेदार मानते हैं। कुछ किसान नेता इन आंदोलनकारियों की मौत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कराने पर विचार कर रहे हैं।
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉक्टर सुनीलम ने अमर उजाला से कहा कि आंदोलन में मृत किसानों ने अपने सुसाइड लेटर में स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख किया है कि उनकी मौत की वजह केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानून हैं। उन्होंने अपनी मौत के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। ऐसे में प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को जनता के सामने आकर यह स्पष्ट करना चाहिए कि इन मौतों के लिए उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा (आईपीसी की धारा 306 के अंतर्गत) क्यों नहीं चलना चाहिए।
इसके पूर्व, किसान आंदोलन के 21वें दिन बुधवार 16 दिसंबर को किसान नेता संत बाबा राम सिंह ने किसानों की दुर्दशा देखते हुए सिंघु बॉर्डर के नजदीक कोंडली में आत्महत्या कर ली थी। अपनी मौत के पूर्व लिखे एक सुइसाइड नोट में उन्होंने खुद को किसानों की दुर्दशा से दुखी बताया था। उनकी आत्महत्या से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई थी। 20 दिसंबर को आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। किसानों ने अपने साथियों की मौत पर यह कहते हुए शपथ ली है कि वे तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लिए बिना वापस नहीं जाएंगे।
क्या है धारा 306
भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है, और अगर जांच में यह पाया जाता है कि उसे आत्महत्या करने के लिए किसी व्यक्ति ने उकसाया है, तो ऐसे व्यक्ति को उक्त आत्महत्या के लिए जिम्मेदार माना जाता है। ऐसे व्यक्ति को धारा 306 के तहत 10 वर्ष कारावास और अर्थदंड लगाया जा सकता है।
इस मामले को गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाता है। इस मामले में आरोपी और पीड़ित व्यक्ति के परिवार के लोगों के बीच में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है। ऐसे मामले सत्र न्यायालय में विचारणीय होते हैं।