खरसिया क्षेत्र में दीपावली और काली पूजा की धूम – तैयारियां जोरों पर…

खरसिया।देश प्रदेश में धर्मनगरी का दुर्गा पूजा और दीपावली और काली पूजा का पर्व हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बड़ी श्रद्धा,उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाने की तैयारी की जा रही है।
नगर,गांवो के विभिन्न वार्डों,पूजा समितियों और मोहल्लों में सजावट, विद्युत झिलमिल रोशनी,रंगोली और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा बन चुकी है।

दीपावली पर्व के अवसर पर घरों, दुकानों और मंदिरों में साफ-सफाई, रंग-रोगन और दीप सज्जा का कार्य जोरों पर है। बाजारों में मिठाइयों, सजावटी सामानों और दीपों की खरीददारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। बच्चे पटाखों और खिलौनों की खरीदारी में व्यस्त दिखाई दे रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर,काली पूजा समितियों द्वारा भव्य मां काली प्रतिमाओं की स्थापना की तैयारी पूरी कर ली गई है। कुछ स्थानों पर कलाकारों द्वारा देवी प्रतिमाओं को आकर्षक रूप दिया जा रहा है। पूजा पंडालों में लाइटिंग, मंच सज्जा और सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
नगर गांवो के प्रमुख स्थानों चौक सहित आस-पास के ग्रामों में भी भक्तगण माता काली की आराधना की तैयारियों में जुटे हैं। पूजा समितियों द्वारा रात्रिकालीन भजन-कीर्तन, आरती एवं प्रसाद वितरण की विशेष व्यवस्था की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस विभाग द्वारा भी पर्व को शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने हेतु विशेष सतर्कता और निगरानी की व्यवस्था की जा रही है।
खरसिया क्षेत्र के भक्तों और नागरिकों में इस बार दीपावली और काली पूजा को लेकर अत्यधिक उत्साह देखा जा रहा है। हर ओर उल्लास और उमंग का वातावरण है। दीपों की रौशनी से खरसिया क्षेत्र एक बार फिर आस्था, भक्ति और प्रकाश का संगम बनकर जगमगाने को तैयार है।

सावधानियां-
क्या करें- लायसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ही पटाखे खरीदें,यह सुनिश्चित करें कि गुणवत्ता वाले पटाखे खरीदे,जो दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए अनुमोदित हो. इमारतों, वाहनों और ज्वलनशील पदार्थों से दूर पार्क, बड़े मैदान जैसे खुले स्थानों में पटाखे जलाए.पटाखे जलाते समय संभावित आपातकालीन स्थिति के लिए रेत,पानी की बाल्टी निकट रखें.आग से संबंधित चोटों के जोखिम को कम करने के लिए सूती वस्त्र पहनने को प्राथमिकता दें, क्योंकि सिंथेटिक कपड़े आसानी से आग पकड़ सकते हैं.पटाखे जलाते समय बच्चों की निगरानी के लिए हमेशा एक व्यस्क को साथ रखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षा उपायों का पालन कर रहे हैं.पटाखे पकड़ने के बाद इस्तेमाल किए गए पटाखों का पानी की बाल्टी में सुरक्षित तरीके से निपटान करें, ताकि किसी बची हुई चिंगारी से अग्नि दुर्घटना ना हो.एक बार में एक ही पटाखा जलाएं,आग लगने की आशंका को देखते हुए एक साथ कई पटाखे लगाने से बचें. पटाखे में आग लगने के बाद उससे सुरक्षित दूरी रखें. पटाखे जलाते समय हमेशा हवा की दिशा को ध्यान में रखें, जिससे कि उसकी चिंगारी घरों या व्यक्तियों की ओर न उड़े.
क्या न करें–
घर के अंदर खिड़कियों के पास या अन्य बंद स्थानों पर कभी पटाखे ना जलाएं. पटाखे जलाते समय ढीले या लटकने वाले वस्त्र पहनने से बचें क्योंकि वे आसानी से आग पकड़ सकते है. ज्वलनशील पदार्थों के पास पटाखों का उपयोग न करें,पटाखों को सूखी पत्तियों, गैस सिलेण्डर या वाहनों जैसी वस्तुओं से दूर रखें. यदि कोई पटाखा जलने में विफल रहता है तो उसे पुनः जलाने का प्रयास ना करें, अपितु कुछ देर प्रतीक्षा करने के उपरांत उसका सुरक्षित रूप से निपटान करें. यह सुनिश्चित करें कि पटाखे ऐसे स्थानों में न जलाए जाएं जो आग लगने की स्थिति में आपातकालीन निकास मार्ग को अवरूद्ध कर सकते हैं. तेल के दियों या मोमबत्तियों को जलते हुए उपेक्षित न छोड़े, विशेष रूप से पर्दों या ज्वलनशील पदार्थों के पास. किसी भी तरह की चोट लगने या जलने पर तुरन्त चिकित्सक की सलाह लें तथा उचित मार्गदर्शन के बिना घरेलू उपचार न करें.
— ✍ “देहाती “



