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दुनिया को कोरोना से उबारने में होगी भारत की अहम भूमिका, 60 से अधिक राजदूत वैक्सीन डेवलपमेंट देखने पहुंचे हैदराबाद

कोरोना वायरस के खिलाफ भारत के वैक्सीन विकास कार्यक्रम में बढ़ती वैश्विक दिलचस्पी को देखते हुए बुधवार को 60 से अधिक देशों के राजदूत हैदराबाद स्थित प्रमुख दवा कंपनी- भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई का दौरे पर हैं। यह इस तरह की पहली पहल है। ऐसा तब हो रहा है, जब एक महीने से कुछ समय पहले विदेश मंत्रालय ने कोरोना संबंधी मुद्दों पर 190 से अधिक राजनयिक मिशनों और अग्रणी अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों को जानकारी दी थी।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह दौरा विदेश मंत्रालय की कोविड-19 संबंधी पहल के हिस्से के तौर पर आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरे के बाद अन्य शहरों में वैक्सीन संबंधित सुविधाओं का दौरा किया जाएगा। एक सूत्र ने कहा कि भारत कोविड-19 के विरुद्ध वैश्विक प्रयासों में अहम योगदान दे रहा है और भारत के वैक्सीन विकास के प्रयासों में बहुत ज्यादा दिलचस्पी ली जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस संकट से लड़ने में भारत के टीके के उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग किया जाएगा।उन्होंने अहमदाबाद में Zydus Biotech Park, हैदराबाद में Bharat Biotech और 28 नवंबर को पुणे में Serum Institute of India में वैक्सीन विकास और विनिर्माण प्रक्रिया की व्यापक समीक्षा करने के लिए दौरा किया।

30 नवंबर को, उन्होंने गेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड पुणे, जैविक ई लिमिटेड हैदराबाद और डॉ. रेड्डीज़ लेबोरेटरीज लिमिटेड हैदराबाद की टीमों के साथ बैठकें कीं। तीनों टीमें COVID-19 के टीके के विकास और निर्माण पर काम कर रही हैं।

भारत बायोटेक ने सोमवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को स्वदेशी रूप से विकसित COVID-19 वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन किया था। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन के लिए इस तरह के उपयोग के लिए भारत के सीरम संस्थान द्वारा आवेदन करने के बाद आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन करने वाली यह दूसरी भारतीय कंपनी है।

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