रायगढ़: देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा को लेकर आस-पास के क्षेत्रों में मंगलवार को खासा उत्साह देखा गया। उद्योग घरानों से लेकर शहर के विभिन्न इलाकों में पंडाल सजाए गए और मोटर गैरेज में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई।
शहर में कई जगहों पर पूजा के लिए विशेष तैयारियां की गईं। उद्योगपति सोमवार रात से ही अपने प्रतिष्ठानों की साफ-सफाई और सजावट में जुट गए थे। भगवान विश्वकर्मा की पूजा के दिन वे पूरी तरह से पूजा-पाठ में व्यस्त रहे और किसी भी कार्य की अनुमति नहीं दी। पूजा के बाद, गैरेज और दुकानों में आने-जाने वाले लोगों को प्रसाद भी वितरित किया गया।
बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर भी पूजा का आयोजन धूमधाम से किया गया। बस ऑपरेटरों और ऑटो संघ के सदस्यों ने भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-पाठ की। यात्रियों को प्रसाद वितरित किया गया और उन्हें भगवान विश्वकर्मा के दर्शन के बाद अपने गंतव्य की ओर रवाना किया गया।
इस अवसर पर बाजार में फल, फूल, मिठाई और पूजा सामग्रियों की खरीदारी जोर-शोर से हुई। कुछ स्थानों पर सुबह से पूजा का सिलसिला शुरू हो गया था, जबकि कई जगहों पर प्रतिमा की स्थापना दोपहर बाद की गई, जिससे देर रात तक पूजा और हवन का आयोजन चलता रहा।
विश्वकर्मा जयंती के दिन शिल्पकार, बुनकर, गैरेज संचालक और प्लांट संचालक विधिपूर्वक पूजा कर देवशिल्पी से प्रार्थना करते हैं कि उनकी मशीनें और औजार बिना किसी रुकावट के काम करती रहें। भगवान विश्वकर्मा को दुनिया के निर्माता के रूप में पूजा जाता है और उनकी पूजा से सुख और समृद्धि की कामना की जाती है।